राज्यकवि उदयभानु हंस 93 वर्ष की उम्र में पंचतत्व में हुए विलीन, अंतिम संस्कार पर उमड़ा शहर
उदयभानु हंस को हिंदी में रुबाई सम्राट के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने हिंदी साहित्य को अपने गीतों दोहों कविताओं और गजलों से समृद्ध किया था। उदयभानु हंस का जन्म 1926 में हुआ था।
हिसार, जेएनएन। राज्यकवि उदयभानु हंस का लंबी बीमारी के कारण मंगलवार सायं 7 बजकर 40 मिनट पर निधन हो गया। वे करीब 93 साल के थे। बुधवार को उनका अंतिम संस्कार सेक्टर 16/17 के श्मशान घाट में दोपहर एक बजे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। संस्कार के दौरान सड़कों पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोगों ने नम आंखों से हंस जी को श्रद्धांजलि दी।
उनके निधन के समाचार से पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई। उनके प्रशंसकों का उनके निवास स्थान पर तांता लग गया। उदयभानु हंस को हिंदी में रुबाई सम्राट के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने हिंदी साहित्य को अपने गीतों, दोहों, कविताओं और गजलों से समृद्ध किया था। उदयभानु हंस का जन्म 1926 में हुआ था।
उन्होंने आठवीं कक्षा तक उर्दू-फारसी पढ़ी और घर में अपने पिताजी से हिंदी और संस्कृत पढ़ते थे। उनके पिता हिंदी और संस्कृत के विद्वान थे और कवि भी थे। बाद में इन्होंने हिंदी में एमए की डिग्री प्राप्त की। हंस ने सनातन धर्म संस्कृत कालेज, मुलतान और रामजस कालेज, दिल्ली में शिक्षा प्राप्त की। हिसार में उनकी मृत्यु पर विधायक डा. कमल गुप्ता, डीसी अशोक कुमार मीणा और मेयर गौतम सरदाना ने गहरा दुख प्रकट किया है।