फतेहाबाद के बहुचर्चित आनर किलिंग मामले में 16 आरोपित दोषी करार, 22 मार्च को सजा
बहुचर्चित आनर किलिंग मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. पंकज की अदालत ने सभी 16 आरोपितों को दोषी माना है। अब इन सभी दोषियों को कोर्ट 22 मार्च को सजा सुनाएगी। एक आरोपित की मौत हो चुकी है।

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : गांव ढिंगसरा के बहुचर्चित आनर किलिंग मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. पंकज की अदालत ने सभी 16 आरोपितों को दोषी माना है। अब इन सभी दोषियों को कोर्ट 22 मार्च को सजा सुनाएगी। ढिंगसरा निवासी रायसिंह की शिकायत पर भट्टूकलां पुलिस थाना में 1 जून 2018 को सुंदरलाल, शेर सिंह, बलवान, विक्रम, भंवर सिंह उर्फ भंवरा, बलराज सिंह, नेकीराम, रवि, धर्मपाल उर्फ जागर, रवि, दलबीर, सुरजीत, श्रीराम, साहबराम, वेदप्रकाश, वीरूराम, विनोद कुमार, बलबीर सिंह के हत्या सहित अनेक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। इन 17 आरोपितों में से श्रीराम की कोर्ट ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी। ऐसे में अब केवल 16 ही आरोपित इस मामले में बचे थे।
ऐसे में कोर्ट ने इस मामले में सभी को दोषी करार दिया है। अब देखना होगा कि 22 मार्च को इन आरोपितों को कोर्ट क्या सजा सुनाती है। उल्लेखनीय है कि यह आनर किलिंग का मामला सरकार के चिह्नित अपराध की श्रेणी में था। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद उपरोक्त 16 आरोपियतों को आईपीसी की धारा 302, 364, 452, 285, 120बी, 201, 148 व आम्र्ज एक्ट के तहत सभी को दोषी माना है।
यह था मामला
गांव ढिंगसरा निवासी राय सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि गांव ढोबी निवासी धर्मबीर उनका भांजा था जो उनके पास रहता था। शिकायत के दौरान बताया कि धर्मबीर ने करीब 2 माह पहले मंगाली की रहने वाली युवती सुनीता के साथ शादी की थी। वह लड़की अपने मामा के घर गांव शीशवाल में रहती थी। लड़की के स्वजनों से खतरा था, इसलिए शादी के बाद दो माह तक दोनों गायब रहे। इसके बाद अब वे यहां ढिंगसरा गांव में आए हुए थे। युवती के स्वजनों को इस बात की भनक लग गई। 1 जून को 15-20 लोग दो गाड़ियों में भरकर आए। उक्त लोगों ने आते ही हवाई फायर कर धर्मबीर व उसकी पत्नी को जबरन गाड़ी में डाल लिया और वहां से फरार हो गए
। इसके बाद उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस को सूचना मिलने पर उनकी तलाश शुरू कर दी थी। पुलिस ने युवती को आदमपुर मंडी के समीप गांव शीशवाल की ढाणियों से बरामद कर लिया। इसके बाद पुलिस अपहृत धर्मबीर की तलाश करती रही। जिसके बाद खुलासा हुआ कि सभी दोषियों ने शीशवाल गांव में रबड़ के पट्टों व डंडों से पीट-पीटकर धर्मबीर की हत्या कर दी थी और उसके शव को नहर में फेंक दिया था। 3 जून को धर्मबीर का शव राजस्थान के हनुमानगढ़ नहर से बरामद किया था।

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