देश ही नहीं लाहौर तक में मशहूर है किसानों के मसीहा छोटूराम का नाम, सांपला संग्रहालय में आज भी जिंदा है यादें
दीनबंधु छोटूराम जयंती विशेष किसानों के हक की आवाज ब्रिटिश हुकूमत के सामने उठाने वाले छोटूराम देश ही बल्कि पाकिस्तान में भी सभी उन्हें जानते हैं। सांपला में उनका संग्रहालय और यहां का म्यूजियम देश ही नहीं पाकिस्तान के लाहौर तक मशहूर है।

जागरण संवाददाता, रोहतक। आज रहबरे आजम दीनबंधु छोटूराम की जयंती है। किसानों के हक की आवाज ब्रिटिश हुकूमत के सामने उठाने वाले छोटूराम देश ही बल्कि पाकिस्तान में भी सभी उन्हें जानते हैं। सांपला में उनका संग्रहालय और यहां का म्यूजियम देश ही नहीं पाकिस्तान के लाहौर तक मशहूर है। म्यूजियम में रखा हुक्का और मुड्ढे भाईचारे का संदेश दे रहे हैं। हुक्के को हरियाणा की आन-बान और शान का प्रतीक माना जाता है। इतना ही नहीं कोट, पगड़ी बॉक्स, तलवार और अन्य सामान भी दीनबंधु चौधरी छोटूराम की धरोहर के रूप में रखे हुए हैं। यह सामान करीब 17 साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने संग्रहालय के निर्माण के दौरान यहां रखवाया था।
कुछ सामान तो ऐसा है, जो पाकिस्तान के लाहौर से तत्कालीन सांसद अजय सिंह चौटाला लेकर आए थे। फिलहाल छोटूराम संग्रहालय में सर छोटूराम के जीवन से संबंधित दो कुर्सी, दो मुड्डे, आठ बैनर, एक दरी, एक हुक्का, दो कोट, एक तलवार व एक पगड़ी बाक्स रखा हुआ है। वहीं, करीब साढ़े चार साल पहले लाया गया नौ नदियों का पानी व मिट्टी भी यहां रखी हुई है। वहीं, चौधरी छोटूराम की रोहतक स्थित नीली कोठी में दो ड्रेसिंग टेबल रखी हुई थीं। अब यह दोनों ही ड्रेसिंग टेबल म्यूजियम की शान होंगी। ऊचाना की पूर्व विधायक प्रेमलता ने दोनों ही ड्रेसिंग टेबल को म्यूजियम में रखवा दी हैं।
अचकन, कोट से लेकर पुस्तकें तक रखीं गईं
सितंबर 2018 में सांपला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए तो संग्रहालय और म्यूजियम को नया रूप दिया गया। चौधरी छोटूराम पर लिखी गई और उनकी ओर लिखी गई करीब 30 पुस्तकें, आत्मकथा के अलावा जीवन दर्शन पर लिखी गईं पुस्तकें भी यहां रखी हुई हैं। राजनीतिक यात्रा, भाखड़ा डैम के अनावरण, 1936 में हिसार में पहुंचने तक के फोटो हैं। बचपन से लेकर युवा अवस्था के साथ ही दूसरे दुर्लभतम तमाम फोटो के अलावा दूसरे सामान भी यहां देखने को मिलेंगे।
पाकिस्तान में भी छोटूराम के प्रशंसक
सर छोटूराम के प्रशंसक हरियाणा, पंजाब व देश के साथ ही पाकिस्तान में भी हैं। पाकिस्तान के लाहौर से चौधरी छोटूराम ने वकालत की पढ़ाई की थी। इसलिए लाहौर में उनके तमाम प्रशंसक हैं। आज भी हिंदुस्तान की तरह ही पाकिस्तानी भी भरपूर सम्मान देते हैं। पाकिस्तान के बुजुर्गों के साथ ही युवाओं के बीच भी वहां छोटूराम खासे लोकप्रिय हैं। लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ साल पहले दिल्ली में लाहौर के कुछ युवा क्रिकेट मैच देखने आए थे। युवाओं के परिजनों ने कहा था कि दिल्ली के निकट ही रोहतक है। इसलिए सांपला में पहुंचकर चौधरी छोटूराम को जरूर नमन करने आ गए थे।
65 फीट ऊंची प्रतिमा भी हुई स्थापित
छोटूराम संग्रहालय के मुख्य गेट पर 65 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2018 में किया था। छोटूराम की इस प्रतिमा का निर्माण पदमश्री विख्यात मूर्तिकार राम वी सुतार व उनकी 100 सदस्यीय टीम ने करीब एक साल में तैयार किया था। मूर्तिकार सुतार ने नर्मदा नदी के तट(गुजरात) पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की 522 फीट ऊंची प्रतिमा को तैयार किया।
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