सीता स्वयंवर के बाद सिख युवक ने अपनी पत्नी को पहनाई वरमाला, रामलीला में निभा रहे शिव पार्वती का किरदार
सीता स्वयंवर के दौरान मनप्रीत सिंह व भूमि ने भी एक दूसरे को वर माला पहनाई। मनप्रीत सिंह रामलीला में शिव का किरदार निभा रहे हैं जबकि भूमि पार्वती का। दोनों की शादी बीती 7 फरवरी को सिख रीतिरिवाज के अनुसार आनंद कारज से हुई थी।

जागरण संवाददाता, सिरसा : श्री रामा क्लब के मंच पर पांचवें दिन भगवान राम व सीता स्वयंवर का मनोहारी दृश्य मंचित किया गया। इस दृश्य के दौरान लक्ष्मण का ओजस्वी रूप देखने को मिला। भगवान परशुराम का भी उग्र रूप देखने को मिला। सीता स्वयंवर के दृश्य को देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक उमड़े। सीता स्वयंवर के बाद सिख युवक मनप्रीत सिंह व भूमि ने भी एक दूसरे को वर माला पहनाई। मनप्रीत मंच पर भगवान शिव जबकि भूमि पार्वती की भूमिका निभा रही है। दोनों ने फरवरी महीने में आनंद कारज से शादी करवाई थी। उनकी इच्छा थी कि वे भी रामा क्लब के मंच पर स्वयंवर के दौरान शादी करवाए।
रामलीला मंचन के प्रथम दृश्य में भगवान राम व लक्ष्मण का वाटिका में जाना और वहां पर राम की सीता जी से भेंट का सुदंर दृश्य दिखाया गया। सीता अपनी सखियों के साथ गौरी पूजन के लिए आती है वहीं राम लक्ष्मण विश्वामित्र के लिए फूल चुनने के लिए आते है। सीता मां गौरी से प्रार्थना करती है कि स्वयंवर में राम ही उनका वरण करें।इसके पश्चात राजा जनक के दरबार का दृश्य दिखाया गया, जहां विभिन्न देशों के राजा शिव धनुष उठाने के लिए आए थे। शिव धनुष उठाना तो दूर वे उसे हिला भी नहीं सके। दरबार में रावण भी आता है लेकिन आकाशवाणी होने पर वह वहां से चला जाता है।
जिसे देखकर जनक चिंता में पड़ जाते हैं। वे कहते हैं कि यह धरती लगता है क्षत्रिय विहीन हो गई है। क्षत्राणियों ने वीरों को जन्म देना बंद कर दिया है। अगर उन्हें पहले पता होता तो वे स्वयंवर रचाते ही नहीं। जनक की बात सुनकर लक्ष्मण क्रोधित हो जाते हैं और कहते हैं कि आपके दरबार में दो दो सूर्यवंशी वीर बैठे हैं, आपका ऐसा कहना ठीक नहीं। लक्ष्मण कहते हैं कि वे इस धनुष को पृथ्वी सहित उठा कर फेंक सकते हैं। लक्ष्मण के क्रोध को देखकर राम उसे शांत करते हैं। बाद में गुरु विश्वामित्र की आज्ञा लेकर राम शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा कर उसे भंग कर देते हैं। जिसके पश्चात सीता उन्हें वर माला पहनाती है।
इस दृश्य को देखकर पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट व सिया पति राम चंद्र के जयकारों से गूंज उठा। तत्पश्चात दरबार में परशुराम आते हैं और शिव धनुष तोड़ने वाले पर क्रोध करते हैं। लक्ष्मण उन्हें शांत करते हुए कहते हैं कि पुराना धनुष था टूट गया, ऐसे धनुष तो उसने बचपन में बहुत तोड़े थे। लक्ष्मण को देखकर परशुराम और क्रोधित होते हैं। बाद में राम उन्हें शांत करते हैं और कहते हैं कि शिव धनुष तोड़ने वाला आपका ही कोई दास है। वे परशुराम को भगवान विष्णु द्वारा दिये गए धनुष पर बाण का संघान करते हैं जिसके बाद परशुराम उन्हें पहचान जाते हैं। इस अवसर पर राम के रोल में ऋषभ गाबा, लक्ष्मण गौरव मेहता, सीता सिया गाबा, विश्वामित्र रमेश कुमार, जनक श्याम भारती, रावण मनोज सोनी व अमित मिढ़ा ने परशुराम की भूमिका निभाई।
--सीता स्वयंवर के दौरान फ्रेंडस कालोनी निवासी मनप्रीत सिंह व गुरुनानक नगर निवासी भूमि ने भी एक दूसरे को वर माला पहनाई। मनप्रीत सिंह रामलीला में शिव का किरदार निभा रहे हैं जबकि भूमि पार्वती का। दोनों की शादी बीती 7 फरवरी को सिख रीतिरिवाज के अनुसार आनंद कारज से हुई थी। मनप्रीत ने बताया कि वह कई सालों से रामा क्लब से जुड़ा है और उसकी शादी में वरमाला नहीं हुई थी। उसकी इच्छा थी कि वह मंच पर अपनी पत्नी को वरमाला पहनाए। भगवान राम ने उसकी इच्छा पूरी कर दी। वर्णनीय है कि इससे पहले मंच पर ही भगवान राम व सीता का किरदार निभाने वाले ऋषभ गाबा व सिया गाबा की वर्ष 2017 में सीता स्वयंवर के दौरान शादी हुई थी।
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