धर्म और आस्था की अटूट मिसाल उकलाना मंडी का श्री सनातन धर्म एवं गीता भवन मंदिर
फोटो चार और पांच - श्रद्धालुओं के लिए एक तीर्थ के समान है उकलाना में मौजूद 85 वर्षों से भ

फोटो : चार और पांच
- श्रद्धालुओं के लिए एक तीर्थ के समान है उकलाना में मौजूद 85 वर्षों से भी अधिक पुराना ये मंदिर
जय सिगला, उकलाना मंडी : स्थानीय पुरानी अनाज मंडी स्थित श्री सनातन धर्म एवं गीता भवन मंदिर बरसों से उकलाना की शान को बढ़ा रहा है। यह समूचे उकलाना मंडी क्षेत्र के लिए धर्म और आस्था की एक अटूट मिसाल है। सनातन धर्म मन्दिर का निर्माण आज से लगभग 85 वर्ष से पहले हुआ था और गीता भवन मंदिर का निर्माण इसके बाद में किया गया था। तब से लेकर अब तक इस मन्दिर में अनेक धार्मिक आयोजन, अनुष्ठान व कार्यक्रम जैसे कि राम-कथा ,भगवान श्री कृष्ण रासलीला व श्रीमद् भागवत कथा पुराण व धार्मिक अनुष्ठान और यज्ञ आदि हो चुके हैं और आगे भी इसी प्रकार निर्विघ्न होते रहेंगे। लेकिन कोरोना काल में हुए लॉकडाउन समय में मंदिर करीबन 3 महीने तक बंद रखा गया और श्रद्धालुओं के मंदिर परिसर में आने पर रोक लगा दी गई।
वहीं, कोरोना काल के दौरान बड़े धार्मिक आयोजनों पर भी रोक लगा दी गई है लेकिन कोरोना काल समाप्त होने के बाद पुन: ये सब आयोजन शुरू हो जाएंगे। नगर की अनेक सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाएं मंदिर सेवा से जुडी हुई हैं जो समय-समय पर मन्दिर में दान देने व मंदिर की शोभा को चार चांद लगाने में कदम-कदम पर हमेशा प्रयासरत रहती हैं। नगर के अनेक समाजसेवी एवं दानवीर लोग भी मन्दिर की सेवा करने में अपनी-2 भूमिका अदा करते रहते हैं।
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मंदिर के मुख्य आकर्षण पर एक नजर
श्री सनातन धर्म मन्दिर के बाहरी परिसर में ऊपर की तरफ युग प्रवर्तक महाराजा अग्रसेन की भव्य प्रतिमा विराजित की गई है। मंदिर के बाहर बड़े अक्षरों में श्री सनातन धर्म मंदिर अंकित किया गया है। वहीं,मंदिर के मुख्य आकर्षण में भगवान श्रीहरि विष्णु-माता लक्ष्मी, मां दुर्गा, भगवान श्री कृष्ण संग राधा जी, लड्डू गोपाल का श्रृंगार, श्रीराम दरबार, बजरंग बली एवं शिव-परिवार सहित अनेक देवी-देवताओं की भव्य प्रतिमाएं विराजमान हैं। दूसरी ओर वहीं, गीता भवन मन्दिर में भगवान श्री कृष्ण सारथी बनकर अर्जुन का रथ चलाते हुए सुन्दर मूर्ति रूप में इस प्रकार विराजमान हैं जिसे देख ऐसा लगता है मानो इसी क्षण ही स्वयं भगवान कृष्ण गीता का उपदेश दे रहे हों। श्रद्धालुओं के लिए यह मन्दिर किसी धार्मिक तीर्थ से बढ़कर नहीं है।
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धर्म के प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध है ये सनातन धर्म मंदिर
मंदिर कमेटी के प्रधान लक्ष्मण दास गोयल ने बताया कि सनातन धर्म मन्दिर को स्थापित करने में बाबा गोकलनाथ का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस मन्दिर को समस्त सनातनों अर्थात सभी हिन्दुओं के लिए धर्म का प्रतीक माना गया है इसलिए इसका नाम सनातन धर्म मन्दिर पड़ा। जबकि सनातन धर्म मन्दिर के साथ गीता भवन मन्दिर स्थापित है जो कि भगवान श्री कृष्ण द्वारा पार्थ अर्जुन को गीता उपदेश में बताए गए धर्म के मार्ग के प्रतीक के रूप में स्थापित किया गया ताकि प्रत्येक जन अपने धर्म को पहचान सके । कोई भी अधर्म करने से पहले गीता के दिव्य उपदेश को स्मरण कर सके। मंदिर के पुजारी औमप्रकाश शास्त्री ने बताया कि मन्दिर परिसर में हर दिन रात्रि के समय और प्रात:काल में भगवान का गुणगान कार्यक्रम चलता रहता है। वर्ष में आने वाले अनेक धार्मिक अवसरों होली, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, शिवरात्रि, नवरात्रि उत्सव,हनुमान जंयती, विश्वकर्मा दिवस पर मन्दिर परिसर में हवन-यज्ञ किया जाता है।
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क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं की सुनवाई के लिए गीता भवन मंदिर बनता है मुख्य केंद्र
उकलाना मंडी क्षेत्र के सभी सामाजिक और धार्मिक सभाओं और क्षेत्र की सभी मुख्य समस्याओं की सुनवाई के लिए गीता भवन मंदिर मुख्य केंद्र बनता है। इसी मंदिर में सभी बैठकें और सभाएं बुलाई जाती हैं। श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जब भी उकलाना में किसी प्रकार की कोई भी अहम घोषणा की जानी होती है तो मंडी के बीच में स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर एवं गीता भवन मंदिर को इसके लिए चुना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस जगह से दी गई सूचना पूरे मंडी क्षेत्र के लोगों को किसी न किसी प्रकार अवश्य मिल जाती है।
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