वैज्ञानिकों की बड़ी सफलता! हिसार में क्लोन झोटा गौरव 2.0 का जन्म, हाई क्वालिटी सीमेन और दूध उत्पादन में होगी वृद्धि
हिसार में, आईसीएआर-केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान ने 'हिसार गौरव 2.0' नामक एक क्लोन झोटे को विकसित किया है, जिसका जन्म 28 नवंबर 2025 को हुआ। यह क्लोन ...और पढ़ें

हिसार में क्लोन झोटा गौरव 2.0 का जन्म। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, हिसार। देश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और श्रेष्ठ पशु नस्लों के संवर्धन की दिशा में हिसार से एक महत्वपूर्ण सफलता सामने आई है। आईसीएआर केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआईआरबी) के वैज्ञानिकों ने 'हिसार गौरव 2.0' नामक क्लोन झोटे का सफल विकास किया है।
इस क्लोन बछड़े का जन्म 28 नवंबर 2025 को हुआ। इसे देश के टॉप रैंक प्रोजेनी टेस्टेड झोटे (पशु संख्या 4354) की कोशिकाओं से विकसित किया गया है।
संस्थान के निदेशक डॉ. यशपाल शर्मा ने बताया कि यह उपलब्धि देश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और उच्च गुणवत्ता वाली भैंस नस्लों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में सहायक होगी।
उन्होंने बताया कि इसी डोनर झोटे की कोशिकाओं से वर्ष 2015 में पहला क्लोन 'हिसार गौरव' विकसित किया गया था, जो आज भी स्वस्थ है और उच्च गुणवत्ता का सीमेन दे रहा है। अब तक उससे 25 हजार से अधिक सीमेन डोज तैयार की जा चुकी हैं, जिनसे देश के विभिन्न हिस्सों में लगभग 600 बछड़े-बछड़ियां पैदा हुई हैं।
परियोजना के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि 'हिसार गौरव 2.0' की जैविक शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिक पेरेंटेज परीक्षण कराया गया है, जिससे यह प्रमाणित हुआ कि क्लोन पूरी तरह सटीक और विश्वसनीय है। उन्होंने कहा कि इस क्लोन से तैयार सीमेन किसानों तक पहुंचाया जा सकेगा, जिससे श्रेष्ठ जर्मप्लाज्म का तेजी से प्रसार होगा।
इस परियोजना में डॉ. पी.एस. यादव, डॉ. मीति पुनेठा, डॉ. राकेश शर्मा, डॉ. प्रिया दहिया, मनु मांगल और डॉ. प्रदीप कुमार का भी योगदान रहा। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह सफलता पशुधन सुधार कार्यक्रमों को मजबूती देगी और श्वेत क्रांति को नई गति प्रदान करेगी।

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