सम्मेद शिखर विधान के लिए प्राचीन जैन मंदिर में हुई सम्मेद शिखर की रचना
जहाज पुल स्थित मनहर पार्श्वनाथ प्राचीन दिगम्बर जैन मंदिर में चार अगस्त वीरवार से सम्मेद शिखर विधान का आयोजन किया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, हिसार : जहाज पुल स्थित मनहर पार्श्वनाथ प्राचीन दिगम्बर जैन मंदिर में चार अगस्त वीरवार से सम्मेद शिखर विधान का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए मंदिर में सम्मेद शिखर के प्रारूप की रचना की गई है। विधान करवाने के लिए गणाचार्य जैन संत 108 विशोक सागर महाराज बुधवार को सुबह नागोरी गेट स्थित बड़ा दिगम्बर जैन मंदिर से पैदल विहार करते हुए जुलूस के रूप में प्राचीन मंदिर पहुंचे। गाजेबाजे के साथ विशोक सागर महाराज के प्राचीन मंदिर पहुंचने पर आरती उतार कर स्वागत किया गया। बड़ा दिगम्बर जैन मंदिर से भगवान पार्श्वनाथ के प्रतिमा रूप को पालकी में बैठाकर प्राचीन मंदिर लाया गया। यहां पहुंचने पर उनका अभिषेक किया गया और शांति धारा हुई। बुधवार को भगवान पार्श्वनाथ का निर्वाण दिवस भव्य स्तर पर प्राचीन मंदिर में मनाया जाएगा। इसके लिए विशेष रूप से 23 किलो व 11-11 किलो के लड्डू भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित किए जाएंगे।
महाराज ने बताया कैसे प्राप्त कर सकते हैं मोक्ष
प्राचीन मंदिर पहुंचने के बाद प्रवचन करते हुए विशोक सागर महाराज ने कहा कि जैन धर्म के अनुसार अरहंत परमेष्ठी के पांच कल्याणक होते हैं, जिसमें पांचवां कल्याणक मोक्ष कल्याणक अर्थात निर्वाण दिवस का होता है। ये सबसे उत्तम कल्याणा होता है क्योंकि इसे प्राप्त करने में हजारों वर्ष तक विभिन्न योनियों में किए गए सद्कर्म काम आते हैं। जीव अनंतानंत वर्षों तक विभिन्न योनियों में जन्म लेता है। कभी वनस्पति तो कभी एक इंद्री जीव बनता है। यही जीव जब पुरुषार्थ करता है तो मोक्ष को प्राप्त करता है। मुनिश्री ने आगे बताया कि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चार प्रकार के पुरुषार्थ होते हैं। ऋषि मुनियों ने कहा है कि धर्म रूपी पुरुषार्थ सबसे महत्वपूर्ण है। धन कमाने के लिए मनुष्य पूरा जीवन काम करता है लेकिन धर्म की तरफ ध्यान नहीं देता। धर्म के पथ पर चलकर ही जीव मोक्ष प्राप्त करता है।
सात तक प्राचीन मंदिर में ही विराजमान रहेंगे महाराज
दिगम्बर जैन पंचायत हिसार के सचिव सुनील कुमार जैन ने बताया कि महाराज विशोक सागर सात अगस्त तक प्राचीन मंदिर में ही विराजमान रहेंगे। इस चार दिवसीय महाअर्चना कार्यक्रम के तहत चार अगस्त को भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याक मनाया जायेगा। सुबह छह बजे श्रीजी के अभिषेक व शांतिधारा से कार्यक्रम शुरू होगा। इसके बाद निर्वाण लड्डू चढ़ाए जाएंगे। सात अगस्त तक रोजाना सुबह 6 बजे अभिषेक होगा। पांच व छह अगस्त को श्री सम्मेद शिखर महामंडल विधान चलेगा। शाम को रोजाना 6 बजे भोपाल से आये संगीतकार अशोक कुमार व पार्टी के द्वारा संगीतमय आरती का कार्यक्रम होगा। ये पूरा विधान कार्यक्रम पंडित अशोक कुमार शास्त्री के सान्निध्य में होगा। 7 अगस्त को विधान के समापन पर विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा।
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