पर्यटकों का नहीं आकर्षित कर पा रहा रोहतक का चिड़ियाघर, जानें मायूसी का कारण
रोहतक के इस लघु चिड़ियाघर में केवल शहर व आसपास के जिलों से ही नहीं बल्कि दिल्ली एनसीआर व अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। यहां पास ह ...और पढ़ें

रोहतक, रतन चंदेल। दिल्ली एनसीआर तक के पर्यटकों को आकर्षित करने वाले राेहतक के लघु चिड़ियाघर के प्रति वन्य प्राणी विभाग उदासीन बना हुआ। स्थिति यह है कि प्रदेश के पिपली और भिवानी के स्माल चिड़ियाघर आम पर्यटकों के लिए खोले जाने के बावजूद भी रोहतक के लघु चिड़ियाघर की तरफ आला अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा है। जिसके चलते यहां आने वाले पर्यटकों को मायूस होना पड़ रहा है।
प्रदेश के दो अन्य स्माल चिड़ियाघर आम लोगों के लिए खोल जा चुके
बता दें कि रोहतक के इस लघु चिड़ियाघर में केवल शहर व आसपास के जिलों से ही नहीं बल्कि दिल्ली एनसीआर व अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। यहां पास ही बनी तिलयार झील व पर्यटन केंद्र के लोगों को सहज की आकर्षित कर लेता है। रोहतक दिल्ली हाईवे पर स्थित होने के कारण यहां तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को किसी दिक्कत का सामना भी नहीं करना पड़ता। यहां रहने खाने से लेकर प्राकृतिक नजारे देखने के प्रति पर्यटकों में खूब उत्साह बना रहता है। अवकाश के दिन तो यहां पर खूब पार्टियां तक होती हैं और दूर दूर से लोग आकर यहां एंजाय करते हैं।
चिड़ियाघर में पहुंचे पर्यटक के अनुसार
यहां आने वाले पर्यटक बोहर गांव निवासी वृंद नांदल व झज्जर निवासी रिंकू ने बताया कि रोहतक के लघु चिड़ियाघर को कोरोना महामारी के चलते करीब डेढ़ साल पहले पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था। अब कोरोना महामारी के केस भी न के बराबर रह हुए हैं। वहीं, दुकान, बाजार, व यातायात के तमामा साधन आदि भी आमजन के लिए शुरू कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं भिवानी व पिपली में बने प्रदेश के दो अन्य स्माल चिड़ियाघर तक आम लोगों के लिए खोले जा चुके हैं। लेकिन रोहतक में स्थित इस लघु चिड़ियाघर को अब तक भी शुरू नहीं किया गया है।
विभाग के अधिकारी बने मुकदर्शक
रोहतक के लघु चिड़ियाघर में प्रदेश ही नहीं बल्कि एनसीआर से भी काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। यहां का प्राकृतिक माहौल ही यहां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। लघु चिड़ियाघर देखने के लिए परिवार ही नहीं बल्कि स्कूली बच्चे भी उत्सुक बने हुए हैं लेकिन विभाग के अधिकारी इस तरफ से आंखें बंद किए हुए हैं। उन्होंने इसे जल्द ही आम पर्यटकों के लिए शुरू किए जाने की बात कही है।
28 सितंबर 1986 में हुआ था इसका उद्घाटन
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली रोड स्थित इस लघु चिड़ियाघर का उद्घाटन 28 सितंबर 1986 में कृषि एवं वन्य प्राणी परीक्षण विभाग की तत्कालीन मंत्री प्रसन्नी देवी ने किया था। यहां पर उस समय पक्षियों के लिए अलग-अलग पिंजरे बनाएं गए थे, लेकिन वर्षों पुराने पिंजरे अब तंग और पूराने हो चले थे। ऐसे में अब पक्षियों के लिए नए पिंजरे बनाए गए हैं। गेट का भी नवीनीकरण किया गया है।
चिड़ियाघर में हैं विभिन्न प्रजातियों के वन्य प्राणी
रोहतक का यह लघु चिड़ियाघर करीब 41 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है। यहां पर फिलहाल दक्षिण अफ्रीकी शुतुरमुर्ग से लेकर, टाइगर, मगरमच्छ, तेंदुआ, चिंकारा, सफेद हिरण व गीदड़ प्रजाति के वन्य प्राणियों के अलावा अनेक प्रजातियों के पक्षियों के दर्शन करने को मिलेंगे। पर्यटकों के लिए पास की तिलयार झील में बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। अब तो झील के टापू पर पार्टी भी हो सकेगी।
कोरोना महामारी के चलते है बंद
विभाग के आला अधिकारियों की ओर से अभी तक रोहतक के लघु चिड़ियाघर को पर्यटकों के लिए शुरू करने के आदेश नहीं दिए गए हैं। कोरोना महामारी के चलते यह अगले आदेशों तक बंद है। आला अधिकारियों की ओर से जब इसे शुरू करने के आदेश दिए जाएंगे तो उनका पालन करते हुए इसे आम पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।
- शिव सिंह, मंडल वन्य प्राणी अधिकारी, रोहतक।

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