रोहतक एमडीयू के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को कैंपस में ही मिल रहा इंटर्नशिप का मौका, नहीं लिया जातो कोई शुल्क
रोहतक एमडीयू के डायरेक्टोरेट आफ डिस्टेंश एजुकेशन (डीडीई) की इमारत में प्रथम तल पर स्थित यूसीसी से गत तीन वर्षाें में 100 से अधिक विद्यार्थियों ने कंप्यूटर की इंटर्नशिप की है। यूसीसी में टेक्निकल असिस्टेंट डा. विकास नागिल बताते हैं।

रोहतक, केएस मोबिन। रोहतक की महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के विद्यार्थियाें को कैंपस में ही ईटर्नशिप करनेका अवसर मिल रहा है। यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्लोलाजी (यूआइइटी) और कंप्यूटर साइंस विभाग के विद्यार्थी विवि कैंपस में ही पढ़ाई के बाद इंटर्नशिप कर रहे हैं। यूआइइटी में आइटी और कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग और एमसीए के विद्यार्थियों को इधर-उधर भटकने की बजाए यूनिवर्सिटी कंप्यूटर सेंटर (यूसीसी) में ही इंटर्नशिप की सुविधा मिल रही है। खास बात यह है कि विद्यार्थियों से यहां किसी प्रकार का शुल्क भी नहीं लिया जाता।
गत तीन वर्षों में विवि के 100 से अधिक विद्यार्थियों ने यूसीसी में की इंटर्नशिप
एमडीयू के डायरेक्टोरेट आफ डिस्टेंश एजुकेशन (डीडीई) की इमारत में प्रथम तल पर स्थित यूसीसी से गत तीन वर्षाें में 100 से अधिक विद्यार्थियों ने कंप्यूटर की इंटर्नशिप की है। यूसीसी में टेक्निकल असिस्टेंट डा. विकास नागिल बताते हैं कि ज्यादातर आइटी और कंप्यूटर सांइस इंजनीनियरिंग में बीटेक करने वाले विद्यार्थी यहां इंटर्नशिप करने पहुंच रहे हैं। विद्यार्थियों को खुद के विवि में ही उच्चस्तरीय प्रशिक्षण मिल रहा है। बीटके के विद्यार्थियों के लिए फाइनल सेमेस्टर में इंटर्नशिप कंप्लसरी होती है। ऐसे में जो विद्यार्थी बाहर इंटर्नशिप करने में असमर्थ हैं उन्हें यूसीसी में ही बगैर कोई शुल्क दिए इंटर्नशिप का मौका मिल जाता है। यहां इंटर्नशिप करने के बाद सर्टिफिकेट भी विद्यार्थियों को दिया जाता है। यूसीसी से इंटर्नशिप किए हुए विद्यार्थी इन्फोसिस जैसी कंपनियों में भी कार्यरत हैं। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कुरुक्षेत्र, दिल्ली यूनिवर्सिटी व अन्य आसपास के शिक्षण संस्थान के विद्यार्थी भी यूसीसी में इंटर्नशिप के लिए अप्लाई करते हैं, हांलाकिं, प्राथमिकता एमडीयू के स्टूडेंट को ही दी जाती है।
एक से छह माह तक कराई जाती है इंटर्नशिप
यूसीसी में एक से छह माह तक की इंटर्नशिप कराई जा रही है। विद्यार्थी अपनी सुविधानुसार इंटर्नशिप पीरियड चुन सकता है। वहीं, विवि का स्टूडेंट होने पर यूसीसी के अधिकारी व कर्मचारियाें का व्यवहार भी बेहतर रहता है। विद्यार्थियों को एक तरह से विवि के ही किसी दूसरे डिपार्टमेंट में पढ़ाई का माहौल मिल जाता है। विद्यार्थियों को डाट नेट, सी शार्प, डेटाबेस, एपीआइ, विभिन्न तरह के साफ्टवेयर डेवलपमेंट आदि का प्रशिक्षण यहां दिया जाता है।
पुलिस के आरिएंटेश्न प्रोग्राम भी यूसीसी की लैब में कराए जा रहे
एमडीयू की यूसीसी की लैब उच्चस्तरीय है। पुलिस के आरिएंटेशन प्रोग्राम भी यहां कराए गए हैं। पुलिस के बी-1 टेस्ट की लैब में आयेाजित किए जा चुके हैं। करीब पांच-छह जिलों के लिए होने वाले बी-1 टेस्ट के लिए यूसीसी के साथ ही कंप्यूटर सांइस विभाग की लैब का भी इस्तेमाल किया गया है। डा. विकास नागिल का कहना है कि आसपास की यूनिवर्सिटी में एमडीयू के यूसीसी जैसा सेटअप नहीं है। यहां कई तरह के हाई लेवल आनलाइन टेस्ट कराए जाएं तो भी विवि प्रशासन को कोई परेशानी नहीं आएगी।
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