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    रोहतक दुल्‍हन गोलीकांड : तनिष्का एक साल से झेल रही थी उत्पीड़न, बहादुरी से लड़ रही जिंदगी की जंग

    By Manoj KumarEdited By:
    Updated: Mon, 06 Dec 2021 02:30 PM (IST)

    जिंदगी-मौत के बीच जूझ रही तनिष्का को आज दुआ के साथ-साथ मदद की भी दरकार है। परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह उसे बड़े से बड़े अस्पताल में ले जाकर इलाज करा सके। शादी के बाद विदा होकर ससुराल जा रही तनिष्‍का को रास्‍ते में भून दिया

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    पीजीआइएमएस में भर्ती दुल्हन तनिष्का जिंदगी के लिए लड़ रही मौत से जंग

    विनीत तोमर, रोहतक : पीजीआइएमएस में वेंटीलेटर पर जिंदगी-मौत के बीच जूझ रही तनिष्का को आज दुआ के साथ-साथ मदद की भी दरकार है। परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह उसे बड़े से बड़े अस्पताल में ले जाकर इलाज करा सके। आज भले ही तनिष्का को इस हालत में देख रहे हो, लेकिन वह अंदर ही अंदर पिछले एक साल से मानसिक उत्पीड़न का दंश झेल रही थी। वह पढ़ाई पूरी कर पुलिस अफसर बनने का सपना देख रही थी, लेकिन आरोपितों ने उसका स्कूल में आना-जाना भी दुश्वार कर रखा था। बुधवार रात हुई गोलीकांड की वारदात के बाद तनिष्का के माता-पिता की तरफ से उसकी ताई निर्मला ने दैनिक जागरण से बातचीत में अपने परिवार का दर्द साझा किया।

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    बातचीत के दौरान निर्मला ने बताया कि परिवार ने उसकी पढ़ाई बंद कराने की भी सोची, लेकिन पढ़ाई में अव्वल होने के चलते वह बेटी के सपनों को खत्म नहीं करना चाहते थे। शादी को लेकर तनिष्का काफी खुश थी। परिवार में भी खुशी का माहौल था। विदाई के समय भी तनिष्का ने कहा था कि किसी को शिकायत का मौका नहीं देगी। ससुराल में बेटी बनकर रहेगी, लेकिन किसे पता था कि जिस बेटी को वह विदाई दे रहे हैं वह कुछ घंटे बाद ही उन्हें इन हालातों में मिलेगी। जिस बेटी का सपना पुलिस अफसर बनकर नाम रोशन करने का था आज वह जिंदगी पाने के लिए मौत से जंग लड़ रही है। तनिष्का के परिवार में उसके माता-पिता के अलावा छोटा भाई है।

    सीटी स्कैन में हो चुकी ट्रेस, नहीं निकल पा रही गोली

    पीजीआइएमएमस में तनिष्का का उपचार कर रहे डाक्टरों की मानें तो उसकी गर्दन में करीब छह से सात सेंटीमीटर का बड़ा छेद है, जो गोली लगने के कारण हुआ है। गर्दन में लगी गोली ने उसकी छाती को काफी नुकसान पहुंचाया है। एक गोली उसकी सांस और खाने की नली के पास फंसी हुई है। दूसरी गोली बायी साइड की पसली में फंसी हुई, जबकि एक अन्य गोली बाई साइड के पेट के निचले हिस्से में खून की नली में दबी हुई है। यह गोली सीटी स्कैन में ट्रेस हो चुकी है, लेकिन अभी स्थिति ऐसी नहीं है कि इन्हें निकाला जा सके। गोली लगने के कारण बायी साइड डायफ्रेम में तीन छेद हो चुके है। लीवर का हिस्सा और पेट में खून की तिल्ली भी डैमेज हो चुकी है। बड़ी आंत और खाने की थैली से भी गोली आरपार निकली हुई है। दायीं साइड का जबड़ा भी टूट चुका है। डाक्टरों की मानें तो कई गोली शरीर के अंदर एक जगह धसने की बजाय अंदर ही अंदर घूमती रही। जिस कारण कई हिस्सों को काफी नुकसान पहुंचा है। हालांकि उपचार के बाद वह ठीक होने की उम्मीद है।

    नहीं देखी इतनी हिम्मत वाली लड़की: डाक्टर

    उपचार करने वाले एक डाक्टर ने बताया कि वह गोली लगने के काफी केस देख चुके हैं, लेकिन तनिष्का जैसी हिम्मत वाली लड़की उन्होंने नहीं देखी। गोली लगने के बाद जिस समय उसे पीजीआइएमएस में लाया गया तब वह अर्धबेहोशी की हालत में थी। प्राथमिक उपचार के दौरान डाक्टरों ने उससे नाम, पिता का नाम और पता आदि पूछा। वह सबकुछ बताती रही। यह भी कहा कि उसे बचा लीजिए। हालांकि इसके बाद से वह बेहोश है और वेंटीलेटर पर उपचार चल रहा है। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कई डाक्टर भी अपने स्तर पर मदद करने के लिए तैयार है।

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