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    ऋषि कपूर की बॉबी फिल्म देखने नेपाल से रोहतक पहुंचते थे दर्शक, छह माह रहा हाउसफुल

    By Manoj KumarEdited By:
    Updated: Fri, 01 May 2020 09:01 AM (IST)

    बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर की सुपरहिट फिल्म बॉबी को देखने के लिए दिल्ली पंजाब उत्तर प्रदेश राजस्थान तक दर्शक रोहतक के शीला सिनेमा में पहुंचते थे। छह माह हाउसफुल चली थी बॉबी फिल्‍म

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    ऋषि कपूर की बॉबी फिल्म देखने नेपाल से रोहतक पहुंचते थे दर्शक, छह माह रहा हाउसफुल

    रोहतक [ओपी वशिष्‍ठ] बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर की सुपरहिट फिल्म बॉबी को देखने के लिए दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान तक दर्शक रोहतक के शीला सिनेमा में पहुंचते थे। इतना ही नहीं नेपाल तक के दर्शक इस फिल्म को देखने यहां पहुंचे। रोहतक इस फिल्म के लिए विशेष रूप से सुर्खियों में रहा क्योंकि किसी विवाद के कारण यह फिल्म दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित अन्य कई बड़े शहरों में रिलीज नहीं हुई थी। शीला सिनेमा के मालिक 81 वर्षीय उमेद राठी ने बताया कि जितने दर्शक बॉबी फिल्म में पहुंचे, उतने किसी अन्य फिल्म में अपनी जिंदगी में नहीं देख पाया। आज भी इस फिल्म की यादें ताजा हैं।

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    शीला सिनेमा के मालिक उमेद सिंह राठी ने बताया कि 1973 में बॉबी फिल्म रिलीज हुई थी। जालंधर में फिल्म के डिस्ट्रीब्यूटर ने उन्हें भी देने से मना कर दिया था। लेकिन बाद में फिल्म को कुछ प्रतिशत के आधार पर लिया। फिल्म रिलीज हुई तो कमाल हो गया। देखने के लिए सिनेमा हाल में भीड़ उमड़ पड़ी। इतना ही नहीं एडवांस बुकिंग होने लगी। फिल्म देखने के लिए दिल्ली, पंजाबा, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के अलावा नेपाल तक के लोग रोहतक पहुंचे। यह फिल्म रोहतक के अलावा पंजाब के जालंधर, लुधियाना और बाद में उत्तरप्रदेश के लखनऊ में चली। दर्शकों में युवाओं की संख्या अधिक रहती थी। चर्चा ये भी है कि दिल्‍ली से रोहतक के लिए स्‍पेशल तांगे चलते थे, जिनमें बॉबी फिल्‍म शो बोलकर यात्रियों को आवाज दी जाती थी और दिल्‍ली से रोहतक फिल्‍म देखने के लिए लोग पहुंचते थे।

    900 की क्षमता 2500 दर्शक देखते थे फिल्म

    उमेद सिंह ने बताया कि सिनेमा हॉल की क्षमता 906 सीट की थी। लेकिन दर्शक 2500 तक प्रवेश करते थे। दर्शकों का यह कहना था कि सीट की जरूरत नहीं है, एक बार अंदर प्रवेश करने दें, इसके बाद खड़े होकर देख लेंगे। उन्होंने बताया कि आगे सीट की टिकट दो रुपये, पीछे तीन रुपये और बालकनी की साढ़े चार रुपये दाम थे। कुछ लोग टिकट खरीदकर ब्लैक भी करने लगे थे। प्रशासन के लिए भी मुश्किलें बढ़ गई थी।

    जब गांधी परिवार से आया फोन

    गांधी परिवार के नजदीक पूर्व सांसद यशपाल कपूर का परिवार भी फिल्म देखने रोहतक आया था। इससे पहले उन्होंने दिल्ली गांधी परिवार से फोन उनके पाया कराया। परिवार के सदस्यों का यहां जोरदार स्वागत किया। उनको रोहतक की प्रसिद्ध मिठाई भी खिलाई। इस फिल्म के बाद यशपाल कपूर के साथ उनके पारिवारिक रिश्ते बन गए थे। इस फिल्म से कमाई तो ज्यादा नहीं हुई क्योंकि कमाई का कुछ प्रतिशत ही मिलता था। शीला सिनेमा की प्रसिद्धि पूरे देश में हो गई थी।

    राजकपूर ने किया सम्मानित

    उमेद सिंह राठी ने बताया कि इस फिल्म को चलाने पर जालंधर में डिस्ट्रीब्यूटर के साथ उनको भी महान अभिनेता राजकपूर ने शिल्ड देकर सम्मानित किया था। ऐसे महान अभिनेता के हाथों से सम्मानित होने का सौभाग्य हर किसी को नहीं मिल पाता है। ऋषि कपूर के निधन से उनको भी व्यक्तिगत से क्षति पहुंची है। ऋषि कपूर इस फिल्म से रातोंरात स्टार बन गए थे।