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    रेलूराम हत्याकांड: सास ने बहू के लिए नहीं भरा बेल बॉन्ड, सोनिया की नहीं हुई रिहाई; पूनिया के भतीजे ने मांगी सुरक्षा   

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 10:15 PM (IST)

    करीब 24 साल पहले रेलूराम पूनिया समेत आठ लोगों की हत्या करने वाली सोनिया जमानत पर रिहाई का इंतजार कर रही है, जबकि उसका पति संजीव रिहा हो गया है। सोनिया ...और पढ़ें

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    रेलूराम हत्याकांड: सास ने बहू के लिए नहीं भरा बेल बॉन्ड। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, हिसार। करीब 24 साल पहले जिस सोनिया ने अपने पति संजीव के साथ मिलकर पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया समेत अपनी मां, भाई-भाभी, बहन, भतीजे और भतीजियों समेत आठ लोगों की हत्या करने की जघन्य वारदात को अंजाम दिया था, वहीं अब जेल के अंदर बैठी जमानत पर अपनी दो माह की रिहाई का इंतजार कर रही है।

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    उसका पति संजीव शनिवार को जमानत पर रिहा हो चुका है। सोनिया की तरफ से सोमवार को भी अदालत में जमानत का बेल बांड भरने के लिए कोई नहीं आया। ऐसे में सोनिया और संजीव के बीच चल रही अनबन सामने आ गई है।

    अनबन इतनी ज्यादा है कि संजीव की मां उत्तर प्रदेश के सहारनपुर निवासी राजबीरी देवी और चाचा राजेंद्र ने एक-एक लाख रुपये के बेल बांड शुक्रवार को हिसार की अदालत में दे दिए लेकिन बहू सोनिया के लिए नहीं दिए।

    करनाल जेल से संजीव रिहा

    संजीव हिसार के बाद उत्तर प्रदेश की अदालत से रिलीज आर्डर जारी होने के बाद शनिवार शाम को करनाल जेल से रिहा कर दिया गया था। हिसार की अदालत ने शुक्रवार को संजीव के रिलीज आर्डर जारी किए थे, लेकिन बिलासपुर के एक मामले में शनिवार को बेल बांड दाखिल किए गए जिसके बाद उसके रिलीज आर्डर जारी किए गए।

    इसके बाद शनिवार को संजीव को जेल से रिहा कर दिया था। लेकिन संजीव और उसके स्वजनों की तरफ से सोनिया की रिहाई के लिए कोई बेल बांड नहीं भरा गया।

    रेलूराम पूनिया के भतीजे ने मांगी सुरक्षा

    करनाल जेल से संजीव के रिहा होने के बाद पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया का भतीजा जितेंद्र पूनिया सोमवार को सुरक्षा की मांग को लेकर पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन से मिलने पहुंचे। उनके कार्यालय में न मिलने पर उन्होंने ई-मेल भेज कर सुरक्षा की मांग की।

    जितेंद्र ने बताया कि रविवार रात को दो गाड़ियां घर के बाहर चक्कर लगा रही थी। उनका कहना है कि गाड़ियों में हथियार भी थे। दोनों गाड़ियां घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। एक युवक गाड़ी से उतर कर नीचे भी आया था।

    उनका कहना है कि सोनिया और संजीव ने आठ हत्याएं की थी। अब जेल से बाहर आने के बाद उन्हें और स्वजनों को जान का खतरा है। अधिवक्ता लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि जेल से दो माह के लिए रिहाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।