रजिस्ट्री जांच मामला: वर्ष 2010 में हुई रजिस्ट्रियों की जांच पूरी, बिना एनओसी की हर महीने मिली रजिस्ट्रियां
तहसील में वर्ष 2010 से लेकर 2017 तक की रजिस्ट्रियों की जांच को 15 दिन बीत चुके हैं।

जागरण संवाददाता, हिसार: तहसील में वर्ष 2010 से लेकर 2017 तक की रजिस्ट्रियों की जांच को 15 दिन बीत चुके हैं। इन 15 दिनों में हर रोज लगभग एक महीने की रजिस्ट्रियों को जांच कमेटी ने खंगाला है। अभी तक वर्ष 2010 में हुई सभी रजिस्ट्रियों की जांच कर ली गई है। इसमें चौकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। अभी तक जांच समिति ने नियम 7-ए को तोड़ने वाली बिक्री रजिस्ट्रियों पर जांच को केंद्रित किया है। अभी तक हुई जांच में हर महीने दर्जनों संदिग्ध रजिस्ट्रियां मिली हैं। किसी महीने में 30 तो किसी-किसी महीने में 60 रजिस्ट्रियां भी संदिग्ध पाई गई हैं। अब जांच समिति ने वर्ष 2011 में हुई रजिस्ट्रियों को खंगालना शुरू कर दिया है। ऐसे में जिस प्रकार से एसडीएम अश्वीर नैन के नेतृत्व में रजिस्ट्रियों की जांच जिस तेजी से हो रही है उससे एक बात तो तय है कि वर्ष 2010 से लेकर 2017 तक हुई रजिस्ट्रियों में कई गंभीर मामले निकलकर सामने आ सकते हैं।
इन मामलों की भी होगी स्क्रूटनी
जांच समिति ने वर्ष 2010 के संदिग्ध मामले निकाले हैं उसमें से भी अभी स्क्रूटनी की जाएगी। जिसमें टाउन कंट्री प्लानिग विभाग से भी जानकारी ली जाएगी। इसके बाद जिन रजिस्ट्रियों में 7-ए नियम को तोड़ा गया है। उन रजिस्ट्रियों को करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की लिस्ट को जांच रिपोर्ट में भेजा जाएगा। इस मामले में तीन महीने तक जांच चलेगी।
सात-ए की रजिस्ट्रियों को लेकर हो रही है जांच
शहरी क्षेत्र अधिनियम 1975 की धारा 7 ए के तहत नोटिफाइड एरिया में दो कनाल से कम भूमि को विक्रय करने या लीज पर देने के लिए डिस्ट्रिक्ट टाउन कंट्री प्लानिग विभाग से एनओसी लेना अनिवार्य है। मगर यह देखा गया है कि कई मामलों में रजिस्ट्री कराने वाले लोग इस एनओसी को लेते ही नहीं है। पूर्व में एनओसी के लिए भूमि की सीमा 20 कनाल होती थी, मगर बाद में सरकार ने इसको घटाकर 2 कनाल से कम कर दिया। जिससे कालोनाइजरों द्वारा नए-नए तरीके निकाल लिए गए और अवैध कालोनियां विकसित की जा रही हैं। खास बात है कि तहसील कार्यालय भी बिना एनओसी के रजिस्ट्री कर देते हैं। जिससे पूरे प्रदेश में अवैध कालोनियां अधिक संख्या में विकसित हो रही हैं।
पूर्व में रजिस्ट्री जांच में यह हुई थी कार्रवाई
हिसार में जब कुछ समय पूर्व वर्ष 2017 से लेकर 2021 तक की रजिस्ट्रियों की जांच शुरू हुई तो छह तहसीलदार व नायब तहसीलदारों के मामले सामने आए। जिसमें एक ही अधिकारी को नोटिस देकर स्पष्टीकरण लिया गया। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नजर नहीं आई। वहीं बाद में रजिस्ट्री क्लर्क और कंप्यूटर आपरेटरों के नाम तहसील प्रशासन द्वारा मुख्यालय भेजे गए। मगर यहां भी कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ। हालांकि स्थानांतरण की प्रक्रिया जरूर देखने को मिली। इसके बाद जल्द ही कानूनगो और पटवारियों को भी नोटिस थमाए जाने थे मगर इस मामले में भी शांति बनी रही।
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