हिसार के राखीगढ़ी में 9000 साल पुरानी सभ्यता का खुला रहस्य, शंख की चुड़ी-कच्ची ईंटें और तांबा हुआ बरामद
हिसार के राखीगढ़ी में हड़प्पाकालीन सभ्यता के सबसे बड़े स्थल पर महत्वपूर्ण खोजें हुई हैं। यहाँ 9000 वर्ष पुरानी सभ्यता के अवशेष मिले हैं जिनमें 6000 वर्ष पुरानी दीवारें शंख की चूड़ियाँ और अन्य कलाकृतियाँ शामिल हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा किए गए उत्खनन में कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं।

अमित धवन, हिसार।आइकॉनिक साइट राखीगढ़ी हड़प्पाकालीन सभ्यता सबसे बड़ी साइट मानी जाती है। यह करीब साढ़े पांच सौ हेक्टेयर में फैली हुई है। अब तक कुल नौ टीलें चिह्नित किए जा चुके हैं।
राखी गढ़ी के छह नंबर टीले पर पहली बार खोदाई सन् 1997-98 में अमरेंद्र नाथ की अगुवाई में हुई थी। दूसरी बार 2013-14 में डेक्कन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर वसंत सिंधे। उस समय करीब 60 कंकाल मिले थे। उनमें से 8-10 कंकाल अच्छी हालत में थे।
उन्हें में से एक कंकाल का डीएनए लिया गया था। तीसरी बार वर्ष 2023-24 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग दिल्ली के अप्पर महानिदेशक डॉ. संजय कुमार मंजुल के नेतृत्व में हुई है।
इस टीले पर 6000 वर्ष पुरानी मकान की दीवार,शंख की चुड़ी, कच्ची ईंटें, तांबा, मनके, शील मिल चुकी हैं। खोदाई के दौरान मिले अवशेष की कार्बन डेटिंग से साबित हुआ कि यह 9000 वर्ष पुरानी सभ्यता है। अभी उसमें क्यूआर कोड लगाया जा रहा ताकि टूरिस्ट आए।
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