Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राखीगढ़ी में नए साल में फिर शुरू होगी टीलों की खुदाई, हड़प्पाकालीन सभ्यता के खुलेंगे राज

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 12:32 PM (IST)

    हिसार के राखीगढ़ी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग नए साल में जनवरी के पहले सप्ताह से खोदाई शुरू करेगा। टीला नंबर एक और तीन के साथ अन्य टीलों पर खो ...और पढ़ें

    Hero Image

    राखीगढ़ी में नए साल में फिर शुरू होगी टीलों की खुदाई

    जागरण संवाददाता, नारनौंद (हिसार)। विश्व विख्यात आइकॉनिक साइट राखीगढ़ी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग नए साल में जनवरी के पहले सप्ताह से खोदाई शुरू करेगा। टीला नंबर एक और तीन के साथ अन्य टीलों पर खोदाई होगी, जिससे हड़प्पाकालीन सभ्यता की नई तस्वीर सामने आने की उम्मीद है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पर्यटक देख सकेंगे खोदी गई साइट

    राखीगढ़ी में पुरानी साइटों को भी खोलने का काम किया जा रहा है। 26 से 28 दिसंबर तक चलने वाले राखीगढ़ी महोत्सव में देश-विदेश से आने वाले पर्यटक खोदी गई साइटों को देख सकेंगे। इन पुरानी साइटों पर भी खोदाई को आगे बढ़ाया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण साइट टीला एक और तीन को माना जाता है।

    एक नंबर टीले पर खोदाई के दौरान काफी भट्ठियां पाई गई हैं, जो हड़प्पा काल में व्यापारिक क्षेत्र था। टीला नंबर तीन पर उन लोगों के रहने के लिए दो मंजिला मकान मिले हैं। पास पानी के लिए कुएं थे। खोदाई के बाद साइटों को बंद कर दिया था। अब राखीगढ़ी महोत्सव को यादगार बनाने के लिए साइटें खोली जा रही हैं।

    ऐतिहासिक जानकारी मिलने की उम्मीद

    भारतीय पुरातत्व उत्खनन शाखा दो ग्रेटर नोएडा के सुपरिंटेंडेंट मनोज सक्सेना ने बताया कि जनवरी के पहले हफ्ते से खोदाई शुरू कर दी जाएगी। टीले एक, दो और तीन पर खोदाई के साथ यह भी देखा जाएगा कि यह टाउन कितने बड़े क्षेत्र में फैला था। खोदाई के दौरान काफी रोचक जानकारियां मिलने की उम्मीद जताई जा रही हैं।

    पहली बार खोदाई में यह सामने आया था कि ये पूरी दुनिया की सबसे बड़ी साइट है। यह सभ्यता शहरी होने से पहले यहां पर ग्रामीण लोगों की बसाहट होती थी। सबसे पहले मिट्टी से बने गोलाकार मकान थे।

    पहली बार 1997 में शुरू हुई थी खोदाई

    राखीगढ़ी में पहली बार खोदाई 1997 से 2000 तक भारतीय पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर अमरेंद्र नाथ की अगुआई में हुई। दूसरी बार डेक्कन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. वसंत शिंदे (2003 से 2006),तीसरी बार भी प्रो.वसंत शिंदे के नेतृत्व में (2013 से 2016) तक खोदाई की गई। 2020 से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग दिल्ली के महानिदेशक डा. संजय मंजुल के नेतृत्व में जून 2025 तक खोदाई की गई।

    अब एक बार फिर जनवरी के पहले सप्ताह में इस साइट की खोदाई शुरू होने जा रही है