हिसार की स्टील इंडस्ट्रीज में रायपुर का माल बना रहा जगह
हिसार की स्टील इंडस्ट्रीज में छत्तीसगढ़ के रायपुर का माल अपनी जगह बनाता जा रहा है। स्टेनलैस स्टील से तार बनाने वाली कई कंपनियां बाजार में प्रतिस्पर्धा को देखते हुए रायपुर में निर्मित स्टील के तार (माइल्ड स्टील वायर) मंगाकर बेच रही हैं।
जागरण संवाददाता, हिसार : हिसार की स्टील इंडस्ट्रीज में छत्तीसगढ़ के रायपुर का माल अपनी जगह बनाता जा रहा है। स्टेनलैस स्टील से तार बनाने वाली कई कंपनियां बाजार में प्रतिस्पर्धा को देखते हुए रायपुर में निर्मित स्टील के तार (माइल्ड स्टील वायर) मंगाकर बेच रही हैं। प्रतिस्पर्धा इतनी है कि कई उद्योगों ने 50 फीसद प्रोडक्शन कम दिया है। उद्योग 50 फीसद प्रोडक्शन कर रहे हैं तो 50 फीसद माल रायपुर से मंगा रहे हैं। इसको लेकर उद्योगपतियों का तर्क है कि रायगढ़ से आ रहे स्टील तार हिसार के स्टील के तार को काफी दिनों से चुनौती दे रहा है। रायपुर से आ रही स्टील की तारें किफायती है तो बाजार में हाथों हाथ बिक जाती हैं। रायपुर में बने स्टील वायर की ट्रेडिग अधिकांशत: उन्हीं उद्योगों ने शुरू की है जो 100 टन प्रति माह प्रोडक्शन करते रहे हैं। लॉकडाउन के बाद करना पड़ा परिवर्तन
हिसार उद्योग संघ के चेयरमैन देवेंद्र कुमार जैन बताते हैं कि लॉकडाउन के बाद बाजार को देखते हुए परिवर्तन किया है। पहले 100 टन वायर बनाते थे मगर बाजार में सस्ते वायर के सामने टिकने में दिक्कत हो रही थी। पहले हिसार का स्टील वायर दिल्ली सहित पूरे देश में जाता था। जबकि प्रदेश में रायपुर से माल लाने वाले पांच से 10 ट्रेडर्स ही थे। रायपुर का माल सस्ता है इस कारण बाजार में जगह बनाता गया। ऐसे में बाजार में कंपिटीशन लगातार बढ़ रहा था, जिसे देखते हुए लॉकडाउन के बाद हमने भी रायपुर से माल मंगाना शुरू कर दिया। हालांकि क्वालिटी के मामले में हिसार में बने तार सर्वोत्तम हैं, जबकि रायपुर के माल में अक्सर शिकायतें रहती हैं। मगर लोगों को सस्ता भी चाहिए तो बाजार में डिमांड है। माइल्ड स्टील वायर 5 एमएम से लेकर .9 एमएम तक आती है, इस तार से घर के लैंटर को बांधने से लेकर खिड़कियों में जालियां बनाने जैसे कई कार्य किए जाते हैं। रायपुर का माल कैसे है सस्ता
देवेंद्र जैन बताते हैं कि रायपुर में स्टील तार बनाने के लिए कच्चा माल, बिजली व श्रमिक सस्ते हैं, इस कारण से वहां के उद्योग सस्ता स्टील वायर तैयार कर लेते हैं। अब हिसार में अधिकांश उद्योग जिदल इंडस्ट्री से कच्चा माल लेते हैं। सब कुछ मिलकर वह वायर को 54 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बाजार में उतारते हैं, जबकि रायपुर का माल 53 रुपये प्रति किलो के भाव से बिकता है। रायपुर के माल में उद्योगों को प्रति किलो एक रुपये प्रति किलोग्राम का फायदा हो रहा है तो हिसार में बने तार से 50 पैसे ही एक किलोग्राम तार पर बचते हैं। ऐसे में व्यापारियों के लिए रायपुर का माल अधिक लाभकारी दिख रहा है।