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    धुंध या कोहरा नहीं... हरियाणा में लापरवाही बन रही हादसों की वजह, 80 फीसदी सड़कों से सफेद पट्टी गायब

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 02:49 PM (IST)

    हरियाणा में धुंध और कोहरे के कारण सड़क सुरक्षा की कमी उजागर हुई है। पिछले दो दिनों में धुंध के कारण हुए हादसों में 12 लोगों की मौत हुई है। दैनिक जागरण ...और पढ़ें

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    हरियाणा: धुंध में सड़कों पर खतरा, सफेद पट्टियां गायब, ब्रेकर बने जानलेवा।

    जागरण टीम, हिसार/पानीपत। हरियाणा में धुंध और कोहरे के सीजन की शुरुआत के साथ ही सड़क सुरक्षा की कमजोर कड़ियां उजागर हो गई हैं। बीते दो दिनों में सुबह की धुंध के दौरान हुए हादसों में 12 मौतें यह साफ संकेत हैं कि खतरा मौसम से अधिक व्यवस्थागत लापरवाही से बढ़ रहा है।

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    इसी पृष्ठभूमि में दैनिक जागरण ने मंगलवार को विशेष पड़ताल अभियान चलाया। पड़ताल में पाया गया कि प्रदेश के अधिकांश शहरी मार्गों और हाईवे पर सफेद पट्टियां धुंधली या गायब हैं, डिवाइडरों का पेंट उतर चुका है और ब्रेकर बिना रिफ्लेक्टिव निशान व संकेतक के पड़े हैं। घटती विजिबिलिटी में ये कमियां सड़कों को 'ब्लाइंड स्पॉट' में बदल रही हैं।

    धुंध की चादर में छिपा खतरा

    जींद : व्यस्त सड़कों पर बिना पहचान के रास्ते

    सफीदों रोड और गोहाना रोड पर सफेद पट्टियां नहीं हैं। सर्विस सेंटर व दुकानों के कारण यातायात भारी रहता है। डिवाइडर और लेन-मार्किंग के अभाव में धुंध के समय हादसों का खतरा बना रहता है।

    अंबाला: हाईवे पर पेंट फीका, बाजारों में ब्रेकर बेनाम

    अंबाला-जगाधरी हाईवे पर डिवाइडरों का पेंट उतर चुका है। कैंट-साहा हिस्से में स्पीड ब्रेकर कम हैं। बाजारों व कालोनियों में ब्रेकर बिना पेंट, रिफ्लेक्टर और संकेतक के हैं।

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    झज्जर: 60 प्रतिशत सड़कों पर सफेद पट्टी संकट

    बाईपास से शहर तक अधिकांश ब्रेकरों पर सफेद पट्टियां नहीं हैं। व्यस्त चौराहों पर वाहन उछल रहे हैं। मानकों से हटे ब्रेकर व गड्ढे धुंध में गंभीर जोखिम बन रहे हैं।

    रोहतक: प्रमुख चौक-चौराहों पर भी लापरवाही

    बाईपास से दिल्ली रोड तक कई हिस्सों में सफेद पट्टियां गायब हैं। लगभग 40 प्रतिशत सड़कों पर लेन-मार्किंग नहीं। ब्रेकर मानकों पर खरे नहीं उतरते, संकेतक भी नहीं हैं।

    यमुनानगर : हाईवे पर पट्टियां गायब, डिवाइडर बेअसर

    हाईवे पर पट्टियां धूमिल या गायब हैं। शहर के मार्गों पर डिवाइडरों पर रिफ्लेक्टिव साइन नहीं लगे हैं।

    चरखी दादरी : ब्रेकर हैं, पहचान नहीं

    फोरलेन, बाजार क्षेत्रों में कई ब्रेकरों पर पेंट धुंधला है। संकेतक बोर्ड नहीं हैं। सीवरेज मेनहोल सड़क में धंसे हैं। 80% सड़कों पर यही स्थिति है।

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    फतेहाबादः ब्रेकर बिना चिन्ह, कट जानलेवा

    बीघड़ रोड पर ब्रेकरों पर सफेद पट्टियां नहीं हैं। लालबत्ती चौक पर जेबरा क्रॉसिंग नहीं। हिसार-सिरसा हाईवे पर खतरनाक कट और संकेतकों का अभाव है।

    कैथल: ट्रैफिक लाइट बंद, पट्टियां गायब

    प्रमुख सड़कों पर सफेद पट्टियां, सांकेतिक चिन्ह नहीं हैं। पांच चौराहों की ट्रैफिक लाइटें दो साल से बंद हैं। बाईपास पर गड्ढे चेतावनी बिना हैं।

    भिवानी: गड्ढे, ब्रेकर और सीवर ढक्कन

    करीब 80 % सड़कों से सफेद पट्टियां गायब हैं। सरकुलर रोड पर दर्जनों गड्ढे हैं। कई ब्रेकर बिना पेंट हैं और सीवर ढक्कन धंसे हुए हैं।

    हिसारः हादसों की पुनरावृत्ति, संकेतक नदारद

    सिरसा व दिल्ली बाईपास पर दो दिन में कई हादसे हुए। सफेद पट्टियां हैं, लेकिन रिफ्लेक्टर व संकेतक नहीं। साउथ बाईपास पर टूटे ब्रेकर अतिरिक्त खतरा हैं।

    • 80% शहरी सड़कों पर सफेद पट्टियां या तो गायब हैं या धुंधली हैं।
    • हर 3 में से 2 ब्रेकर, हादसे को दे रहे खुला न्योता।