हिसार में जाट कालेज में गेस्ट टीचरों की नो एंट्री, गेस्ट टीचरों ने जताया रोष, जानें पूरा मामला
हिसार जाट कालेज के गेस्ट टीचरों का आरोप है कि हर साल साक्षात्कार होता था और समेस्टर सिस्टम खत्म होने के बाद साल में हटा भी दिया जाता था। इस वजह से सालाना होने वाले साक्षात्कार सिस्टम को खत्म करने के लिए वह हाई कोर्ट गए।

हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार के जाट महाविद्यालय में कालेज प्रशासन की ओर से गेस्ट टीचरों की मंगलवार सुबह नौ एंट्री कर दी गई है। इस पर गेस्ट टीचरों ने रोष जताया है और गेट पर बैठे है। उनका आरोप है कि वह सुबह से कालेज आए हुए है। मगर कालेज प्राचार्य उनको कालेज में हाजिरी नहीं लगाने दे रही है और न ही एंट्री करवा रही। इसलिए वह सुबह से गेट पर बैठे हुए है। गेस्ट टीचरों का यह भी आरोप है कि मौजूदा प्राचार्य के पास प्राचार्य का अस्थायी कार्यभार है और उनका भी कोर्ट में केस चल रहा है। उनके पास ऐसे कोई अधिकार नहीं है।
मामले में प्रशासन ने साधी चुप्पी
गेस्ट टीचरों का आरोप है कि हर साल साक्षात्कार होता था और समेस्टर सिस्टम खत्म होने के बाद साल में हटा भी दिया जाता था। इस वजह से सालाना होने वाले साक्षात्कार सिस्टम को खत्म करने के लिए वह हाई कोर्ट गए और इस पर स्टे भी लेकर आए। बार-बार साक्षात्कार न हो। साल में बीच में ही हटा नहीं सकते। ऐसे में कालेज प्राचार्य ने उनको कहा कि आप हाई कोर्ट क्यों गए। इस बात को लेकर उनको निकाल दिया है और कहा गया कि समेस्टर खत्म हो गए है। अगर समेस्टर सिस्टम शुरू होगा तो उनको बता दिया जाएगा। उनका कहना है कि प्राचार्य ने बिना अनुमति लिए निकाला है। ऐसा किसी भी कालेज प्रशासन ने कदम नहीं उठाया है। एक तरह से उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है। वहीं कालेज प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे हुए है।
20 सालों से दे रहे सेवा
गेस्ट टीचर विकास का कहना है कि जाट कालेज में करीब 112 गेस्ट टीचर है और सभी अपनी ड्यूटी बखूबी निभा रहे है। इनमें ज्यादातर महिलाएं है। कुछ गेस्ट टीचर तो ऐसे है, जो 20 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे है। उनके जुनियर भी प्राचार्य बन चुके है। उनके साथ ऐसा गलत है।

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