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    हड़प्पा कालीन सभ्यता के लिए विख्यात है राखीगढ़ी, विश्व के पटल पर लाने के लिए बनाया जा रहा म्यूजियम

    By Naveen DalalEdited By:
    Updated: Sun, 17 Apr 2022 09:10 PM (IST)

    हड़प्पा कालीन सभ्यता की पूरे विश्व में यह सबसे बड़ी साइट है। इसका क्षेत्रफल 550 हेक्टेयर है और अभी तक नो टीलें चिन्हित किए जा चुके हैं जिनमें से सात ट ...और पढ़ें

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    हिसार के राखीगढ़ी में बन रहा आधुनिक म्यूजियम।

    नारनौंद, सुनील मान। वैसे तो भारत देश में अनेक ऐसी धरोहर हैं जोकि काफी अहम स्थान रखती हैं, लेकिन राखीगढ़ी देश का एक ऐसा स्थान है। जहां पर सबसे पहले मनुष्य होने की पुष्टि हुई है और यह हजारों वर्ष पुरानी हड़प्पा कालीन सभ्यता की सबसे बड़ी साइट भी है। सरकार इस धरोहर को पटल पर लाने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से एक आधुनिक तरीके का विशाल म्यूजियम तैयार करने में जुटी हुई है। देश की यह धरोहर पांच आईकॉनिक साइट में से एक है। आने वाले समय में यह देश का एक मुख्य पर्यटक स्थल होगा। अब भी प्रत्येक बरस हजारों की संख्या में देश विदेश से यहां पर सैलानी पहुंचते हैं। विश्व के मानचित्र पर राखीगढ़ी का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज है।

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    दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में देश की शोभा बढ़ा रहे

    हड़प्पा कालीन सभ्यता की पूरे विश्व में यह सबसे बड़ी साइट है। इसका क्षेत्रफल 550 हेक्टेयर है और अभी तक नो टीलें चिन्हित किए जा चुके हैं जिनमें से सात टीलों पर खोदाई हो चुकी है। खोदाई के दौरान अनेक ऐसे अवशेष मिल चुके हैं जो कि चौंकानेवाले तो है ही साथ ही उनसे यह भी पुष्टि होती है कि सबसे पहले इंसान की यही पर उत्पत्ति हुई थी। और यह उस समय का मेगा सिटी शहर भी होता था। खोदाई के दौरान निकले पुराने बर्तन में अन्य अवशेष आज दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में देश की शोभा बढ़ा रहे हैं जब राखीगढ़ी में म्यूजियम बनकर तैयार हो जाएगा। तो सभी अवशेष राखीगढ़ी के म्यूजियम में ही रखे जाएंगे। आने वाले समय में राखीगढ़ी एक बड़े पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने पूरा रोडमैप तैयार करके इसका विकास करना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार ने देश की पांच धरोहरों को आईकॉनिक साइट घोषित किया हुआ है। ताकि इनका विकास सही तरीके से हो सके।

    छात्रों के लिए हास्टल की सुविधा होगी

    राखीगढ़ी में जो म्यूजियम बनाया जा रहा है वह काफी आधुनिक तरीके का होगा। उसमें अनेक सुविधाएं होंगी और रिसर्च करने वाले छात्रों के लिए हास्टल की सुविधा भी होगी। ओपन थिएटर सहित कई ऐसे बड़े बड़े हाल तैयार किए जा रहे हैं। जिनमें अलग तरह से ही खोदाई के दौरान निकले पुराने अवशेषों को संजोकर रखा जाएगा। जैसे ही कोई पर्यटक म्यूजियम में प्रवेश करेगा तो उसको हड़प्पा कालीन सभ्यता की झलक मिलेगी। म्यूजियम बनाने का काम जोरों से चल रहा है।

    राखीगढ़ी में अलग-अलग सीजन में तीन बार खुदाई हो चुकी है और चौथी बार खुदाई

    भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली की तरफ से की जा रही है इस खोदाई के दौरान भी अनेक ऐसे अवशेष निकल चुके हैं जो कि काफी चौंकाने वाले हैं। जैसे ही इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार होगी तो दुनिया का इतिहास बदलेगा। अब तक की हुई खोदाई में कभी ऐसी वस्तुएं मिल चुकी है जो कि हजारों साल पुरानी है जैसे मिट्टी के बर्तन, मिट्टी की चूड़ियां, सिंगारदानी, मिट्टी के खिलौने, पत्थर के मनके, हड्डियों के हथियार, बड़े मटके, कच्ची ईंटों की दीवार, पक्की ईंटों की दीवार, कंकाल इत्यादि काफी चीजें निकल चुकी है।

    विश्व के पटल पर चमके राखीगढ़ी

    ग्रामीण वजीर सिंह, दिनेश राखी, धर्मपाल, रमेश कुमार, रामफल, राजवीर सिंह मलिक इत्यादि ने बताया कि हमारा गांव काफी ऐतिहासिक गांव है और इसका इतना महत्व होते हुए अभी तक सरकार ने उचित कदम नहीं उठाए हैं। यह हड़प्पा कालीन की सबसे बड़ी साइट है और यह देश का सबसे बड़ा पर्यटक स्थल बन सकता है। इसके लिए सरकार गांव में सड़क, बिजली, पानी की व्यवस्था करके गांव का विकास करें। ताकि यह विश्व के पटल पर चमक सके।