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    अनिता कुंडू को मिला एडवेंचर का सबसे बड़ा तेनज़िंग नोर्गे नेशनल अवॉर्ड, आसान नहीं था ये सफर

    हिसार के गांव फरीदपुर की बेटी और माउंट एवरेस्‍ट को दोनों ओर से फतह करने वाली अनिता कुंडू को आज राष्ट्रपति ने तेनज़िंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित किया।

    By Manoj KumarEdited By: Updated: Sat, 29 Aug 2020 06:51 PM (IST)
    अनिता कुंडू को मिला एडवेंचर का सबसे बड़ा तेनज़िंग नोर्गे नेशनल अवॉर्ड, आसान नहीं था ये सफर

    हिसार, जेएनएन। हिसार के गांव फरीदपुर की बेटी और माउंट एवरेस्‍ट को दोनों ओर से फतह करने वाली अनिता कुंडू को आज राष्ट्रपति ने तेनज़िंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित किया। पर्वतारोहण में इनकी उपलब्धियों को देखते हुए चयन समिति ने इनके नाम का चयन किया था। जिस पर खेल मंत्री किरिन रिजिजू ने अनिता के नाम पर मोहर लगा दी। ये अर्जुन अवॉर्ड के बराबर का अवॉर्ड है। ये पर्वतारोहण के साहसिक खेल में भारत सरकार की तरफ से दिया जाने वाला सबसे बड़ा अवॉर्ड है।

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    बता दें कि अनिता एक साधारण किसान परिवार से सम्बंध रखती है। जब वे मात्र 13 साल की थी तो उनके पिता का देहांत हो गया था, पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पढ़ाई और खेल जारी रखा, खेत मे हल चलाना भी सीखा, पशुओं को पालने में भी महारत हांसिल की। अपने सभी छोटे भाई-बहनों को भी पढ़ाया। और आज करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई।

    अनिता ने बताया कि मेरी इस कामयाबी में मेरी मां और मेरे ताऊ का बहुत बड़ा योगदान है। मेरी  ने विपरीत परिस्थितियों में भी मुझ पर विश्वास किया, और मेरे ताऊ ने हमेशा पढ़ने और खेलने के लिए प्रोत्साहन दिया।

    अनिता ने बताया कि मेरा एक ही सपना है कि हर बेटी पढ़े और खेले, अपने -बाप और देश प्रदेश का नाम रोशन करें। जिस प्रकार अपने हालातों से मैं लड़ी, वे सब भी ऐसे ही बहादुरी से अपने जीवन में आने वाली चुनोतियों का सामना करें। और अपने जीवन मे सफल हो।

    मेरा ये पुरुस्कार बहादुरी के श्रेणी में आता है, मैं इसको अपने फौजी भाइयों के लिए समर्पित करती हूं। जिनकी बदौलत हम सभी सुरक्षित है। मैं ख़ुश हूं कि आज मुझे अपने लंबे संघर्ष का इनाम मिला।

    अनिता की उपलब्धियां

    -2009 में पर्वतारोहण के बेसिक, एडवांस के साथ सभी कोर्स पास किए। सतोपंथ, कोकस्टेट आदि हिदुस्तान की अनेकों चोटियों को फ़तह किया।

    -18 मई 2013 को नेपाल के रास्ते माउंट एवरेस्ट की चोटी को फ़तह किया।

    -2015 में चीन के रास्ते एवरेस्ट फ़तह करने का प्रयास, 22500 फ़ीट पे पहुंचने पर भूंकप ने क़दमो को रोका, इस त्रासदी में अनिता ने अपने अनेकों पर्वतारोही साथी खोए। अभियान कैंसल हुआ।

    -2017 में फिर चीन के रास्ते से माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई, 60 दिन के कड़े संघर्ष के बाद 21 मई 2017 को एवरेस्ट फ़तेह किया।

    -नेपाल और चीन दोनों ही रास्तों से माउंट एवरेस्ट को फ़तह करने वाली भारत की इकलौती बेटी है।

    - 2018 में पूरी दुनियां के सातों महाद्वीपों की चढ़ाई शुरू की इसमें एशिया की माउंट एवरेस्ट, अफ्रीका की किलिमंजारो, यूरोप की एलबुर्स, अंटार्कटिका की विनसन मासिफ, दक्षिणी अमेरिका की अकांकागुवा, ऑस्ट्रेलिया की कारस्टेन्स पिरामिड शिखर फ़तह की। उतरी अमेरिका की देनाली के शिखर से 100 मीटर दूर ही बर्फ़ीले तूफान का सामना किया।

    -27 सितम्बर 2019 को माउंट एवरेस्ट के बराबर की ही ऊंचाई की चोटी माउंट मनासलू को फ़तह किया।

    अनिता कुण्डू के सभी अभियानों पर करोड़ों रुपए खर्च आता है, ये सभी राज्यसभा सांसद आरके सिंन्हा की विशाल कम्पनी एसआईएस उठाती है। क्योंकि सिन्हा ने अपनी ने अनिता को अपनी बेटी के रूप में अडॉप्ट किया हुआ है। उन्होंने अनिता को अपनी सभी कम्पनी, स्कूल, सस्थाएं, हिंदुस्थान समाचार समूह आदि का ब्रांड एंबेसडर बनाया हुआ है।

    अनिता कुंडू को मिलने वाले अवॉर्ड

    -हरियाणा सरकार ने नारी शक्ति पुरुस्कार,

    -कल्पना चावला अवार्ड,

    -सर्वोत्तम महिला पुलिस अवार्ड से भी अनिता को सम्मानित किया हुआ है। सैंकड़ो संस्थाए, समूह, संग़ठन अनिता को सम्मानित कर चुके हैं। अनेकों यूनिवर्सिटी, संस्थाओं आदि ने अनिता को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया हुआ है।

    -एक पर्वतारोही के साथ-साथ अनिता एक मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर भी जानी जाती है। हिंदुस्तान के हर कोने में उनको सुनने के लिए बुलाया जाता है।