Hisar breaking news: अग्रोहा मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में एमबीबीएस स्टूडेंट ने लगाया फंदा
फर्स्ट ईयर के छात्र ने हॉस्टल के कमरे में फंदा लगा लिया। जब काफी देर से कमरा बंद देखा तो खुलवाने की कोशिश की। जब अंदर से कोई आवाज नहीं आई तो स्टूडेंट्स ने इसकी सूचना मेडिकल प्रशासन को दी।
हिसार, जेएनएन। महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज अग्रोहा में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे फर्स्ट ईयर के छात्र ने सोमवार करीब 3:30 बजे हॉस्टल के कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी। छात्र के सहयोगियों ने जब काफी देर से कमरा बंद देखा तो खुलवाने की कोशिश की। जब अंदर से कोई आवाज नहीं आई तो स्टूडेंट्स ने इसकी सूचना मेडिकल प्रशासन को दी।
मौके पर मेडिकल प्रशासन और चिकित्सकों ने कमरा खुलावने का प्रयास किया। कोई प्रतिक्रिया नहीं होने पर इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर आकर कमरा खुलवाया तो मेडिकल छात्र कमरे में फंदे से झूल रहा था। नीचे उतार कर एमरजेंसी विभाग में जांच के लिए जाया गया। यहां चिकित्सकों ने जांच पड़ताल कर उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर परिजनों को सूचना देकर शव के पोस्टमार्टम के लिए अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है। मृतक छात्र की पहचान आशीष निवासी हाउस नंबर 413 सेक्टर 17 जगाधरी जिला यमुनानगर के रूप में हुई है।
बैच का टॉपर था आशीष
महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस 100 सीटें हैं। आशीष अपने बैच का टॉपर था। सहयोगी स्टूडेंट्स ने बताया कि आशीष के दो ही शौक थे। पेंटिंग्स बनाना और कविता लिखना। पेंटिंग में हॉरर पेंटिंग आशीष का खास शौक था। जब भी परेशानी में हो तो पेंटिंग बनाकर अपनी परेशानी जाहिर करता था। कविताएं लिखर अपने दोस्तों को सुनाता था। दर्दभरी कविताएं लिखने का शौक था। अकसर सोशल मीडिया पर कविताएं लिखकर पोस्ट करता था।
डेढ़ पेज का सुसाइड नोट छोड़ा
जानकारी के अनुसार बताया गया है कि आशीष पिछले दो साल से मानसिक रूप से परेशान था। आशीष ने मरने से पहले डेढ़ पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा है। उसमें अपनी मौत के कारण बताए हैं। इसमें लिखा है कि वह जीवन से निराश है। बस जिये जा रहा है। पूरा नोट अभी सामने नहीं आया है। पुलिस सुसाइड नोट की जांच कर रही है। हैंडराइटिंग का मिलान किया जाएगा।
साथी को कहा, तू चल मैं आता हूं
एक रूम में दो स्टूडेंट्स रहते हैं। आशीष का रूम मेट भी एमबीबीएस फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट है। आज दोनों का प्रैक्टिकल एग्जाम था। आशीष ने अपने रूम मेट को प्रैक्टिकल के लिए यह कहकर पहले भेज दिया था कि तू चल, मैं पीछे से आ रहा हूं। उसके जाने के बाद आशीष ने रूम अंदर से बंद करके पंख के हुक से रस्सा का फंदा बनाकर जान दे दी। एग्जाम देकर स्टूडेंट्स लौटे। दरवाजा खटखटाया। बहुत देर तक दरवाजा नहीं खुला तो रोशनदान से झांककर देखा। फंदे से शव लटकता देख उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। इसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सूचना दी गई है।
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