आयुष्मान से बाहर 25 बीमारियां, अब सीएम रिलीफ फंड में शामिल, सुविधा पाने के लिए करें आनलाइन आवेदन
हरियाणा सरकार द्वारा नई व्यवस्था में बीमारियों को निजी अस्पताल के पैकेज से हटाया गया है। मुख्यमंत्री राहत कोष योजना का लाभ उठाने के लिए अब गरीब नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं व अन्य सहायता के लिए बिलों की स्वीकृति जिला स्तर पर डीसी के माध्यम से ही आनलाइन मिलेगी।

रोहतक, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाली सहायता को अब आनलाइन कर दिया है। अब जरूरतमंद व्यक्ति मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत अनुदान के लिए आनलाइन स्वीकृति प्राप्त कर सकेंगे। लोगों के लिए फायदे लिए अहम बात बात यह है कि इस योजना में उन 25 बीमारियों में मुख्यमंत्री राहत कोष से सहायता मिल सकेगी, जो कि फिलहाल आयुष्मान योजना के पैनल अस्पताल में शामिल नहीं है। आनलाइन सिस्टम होने के कारण मरीजों को योजना का लाभ भी जल्द मिलेगा।
ये बीमारियां नहीं अब आयुष्मान पैनल अस्पतालों में शामिल
सरकार द्वारा नई व्यवस्था में बीमारियों को निजी अस्पताल के पैकेज से हटाया गया है, जिनके उपचार की सुविधा सरकारी अस्पतालों में है। इसमें अपेंडिस्क, मलेरिया, हार्निया, पाइल्स, हाइड्रोसिल, पुरुष नसबंदी, डिसेंट्री, एचआइवी विथ कांप्लिकेशन, बच्चेदानी आपरेशन, हाथ-पांव काटने की सर्जरी, मोतियाबिंद, पट्टा चढ़ाना, गांठ संबंधित बीमारी, इनफेक्टेड बनियान फूट, रेनल कालिक, यूटीआइ, आंतों का बुखार, गैंगिलियन आदि बीमारी शामिल हैं।
तय समय में आवेदन पर होगा कार्य
सीएम रिलीफ फंड के तहत निर्धारित समय अवधि में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष योजना का लाभ उठाने के लिए अब गरीब नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं व अन्य सहायता के लिए बिलों की स्वीकृति जिला स्तर पर डीसी के माध्यम से ही आनलाइन मिलेगी, जिससे उनके धन एवं समय की बचत होगी। उन्होंने कहा कि योजना के आनलाइन होने से जरूरतमंद व्यक्ति जरूरी दस्तावेज के साथ नजदीकी सीएससी या अंत्योदय सरल केंद्रों पर आवेदन कर सकते हैं।
ये अधिकारी वैरिफाई करेंगे आवेदन
आवेदन आनलाइन मोड में ही तहसीलदार व सिविल सर्जन से वेरिफिकेशन के बाद कमेटी के पास अंतिम निर्णय के लिए जाएगा और सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद आवेदनकर्ता को राशि जारी कर दी जाएगी। पोर्टल पर पंजीकरण उपरांत ही आवेदनकर्ता को योजना का लाभ मिलेगा। जो बिल पहले मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजे जाते थे, अब इन बिलों को जिला स्तर पर डीसी द्वारा ही स्वीकृति प्रदान की जाएगी। जो जरूरतमंद गरीब व्यक्ति जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त है और वह अपनी बीमारी के इलाज का खर्च वहन नहीं कर सकते। ऐसे लोगों को पंजीकरण करवाते हुए उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से सहयोग किया जाए।
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