Haryana News: हरियाणा के बेटे मेजर मनदीप गिल को बहादुरी के लिए मिला कीर्ति चक्र, 2024 में आतंकवादी को घेरकर मारा
नारनौंद के मिर्चपुर गांव के मेजर मनजीत गिल को राष्ट्रपति ने कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। उन्होंने सोपोर में एक आतंकवादी को मार गिराया और गोशाला से युवक और बच्चों को बचाया। मनजीत बचपन से ही बहादुर थे और 2016 में सेना में भर्ती हुए। उनके पिता को उन पर गर्व है जिन्होंने गांव का नाम रोशन किया।

सुनील मान, नारनौंद। देश के लिए जान पर खेल जाने का जज्बा शुरू से ही दिख जाता हैं। बचपन में ही फौज की गाड़ी और बंदूक के साथ खेलने वाला मनजीत सेना में भर्ती हुआ। और आतंकवादियों से बिना जानकी परवाह करते हुए भीड़ गया।
उन्हें मारकर यह दिखा दिया कि देश का हर जवान सीमा पर तैनात होकर देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने के लिए तैयार है। कभी जातीय हिंसा के लिए जाने जाना वाला गांव आज बहादुरी के लिए पूरे देश में किसी पहचान का मोहताज नहीं है।
गांव मिर्चपुर के भारतीय सेना में तैनात में मेजर मनजीत गिल ने 25 अप्रैल 2024 को कश्मीर के सोपोर में आतंकवादी को मुठभेड़ के बाद मार गिराया था। वहां पर गोशाला में फंसे एक युवक व दो बच्चों की जान भी बचाई थी। इसी को लेकर राष्ट्रपति ने उनको कीर्ति चक्र पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। पूरे गांव में खुशी का माहौल है। हर किसी को गांव के इस बेटे पर गर्व है। कि उन्होंने अपनी जान की परवाह ना करते हुए आतंकवादियों से भिड़ गया और उन्हें मार गिराया।
मनजीत ने गांव के ही सरकारी स्कूल में सातवीं कक्षा तक पढ़ाई की उसके बाद जींद जिंदगी एक निजी स्कूल से दसवीं में 12वीं की पढ़ाई करने के बाद दिल्ली में दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया वहां से फिजिक्स ऑनर्स से बीएससी की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद वर्ष 2016 में भारतीय सेना में पंजाब रेजिमेंट, 22वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल में भर्ती हुए।
सेना में भर्ती होने के बाद उनकी पोस्टिंग कश्मीर के सोपोर जिले में हुई। 25 अप्रैल 2024 को विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त खुफिया जानकारी के आधार पर सोपोर जिले के एक गांव में दो विदेशी आतंकवादियों की गतिविधियों का पता लगाया। फिर घेराबंदी की गई। दोनों तरफ से गोलाबारी शुरू हो गई।
26 अप्रैल को आड़ फायदा लेकर आतंकवादी बगल में ही एक बाग में घुस गया। मनजीत ने भी बाग की और जाने वाली चारदीवारी की आड़ लेकर आतंकवादी को घेर कर मार गिराया। साथ ही एक गोशाला में एक युवक व दो बच्चे फंसे हुए थे उनको भी वहां से बाहर निकाला। इस बहादुरी के लिए देश की राष्ट्रपति ने द्रौपदी मुर्मू ने 22 मई को राष्ट्रपति भवन में उनको कीर्ति चक्र पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
मेजर मनजीत के पिता रिटायर्ड प्रिंसिपल वीरभान सिंह ने बताया कि उनको अपने बेटे पर गर्व है। वो देश के लिए सीमा पर रहकर हमारी रक्षा कर रहे हैं। उनकी बहादुरी को देखते हुए ही राष्ट्रपति ने उनको कीर्ति चक्र पुरस्कार से सम्मानित किया है। उन्होंने पूरे गांव का नाम रोशन किया है।
मनजीत का चचेरा भाई प्रवीण जो की हिसार के डीसी आफिस में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि मनजीत शुरू से ही बहादुर था। वह हमेशा बहादुरी की ही बातें करता था। पढ़ाई के बाद सेना में जाकर उसने यह कर भी दिखाया। उनकी माता निर्मला देवी आंगनबाड़ी में कार्यरत हैं। बड़ा भाई चंद्र शेखर रेलवे मैं स्टेशन मास्टर हैं।
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