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लोगों ने खुलेआम छोड़ दिए लंपी स्किन डिजीज से संक्रमित पशु, महामारी फैलने का डर

लंपी स्किन डिजीज बीमारी आने के बाद गोवंश बेसहारा अवश्य हो रहे है। सड़कों पर जहां भी नजर दौड़ाएंगे वहां पर पशु बैठे नजर आ जाएंगे। जिसमें अधिक संख्या गोवंशों की है। कुछ गोशालाओं व नंदीशालाओं ने इन पशुओं को बाहर निकाल दिया है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 07:42 PM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 07:42 PM (IST)
फतेहाबाद में लंपी बीमारी के 1154 केस आए, 30 पशुओं की हो चुकी है मौत।

फतेहाबाद, जागरण संवाददाता। फतेहाबाद में गोवंशों में फैली लंपी स्किन डिजीज संक्रमण रूकने का नाम नहीं ले रहा है। जिससे पशुपालन विभाग के डाक्टरों की मुश्किलें बढ़ा दी है। सरकारी आंकड़ों मेंं वीरवार को 160 ऐसे गोवंश मिले है जो इस बीमारी से संक्रमित है। वहीं चार पशुओं की मौत भी हुई है।

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जिले में अब तक 1154 पशु संक्रमित हो चुके है। वहीं 492 पशु ठीक भी हुए है। सबसे बड़ी बात ये है कि 30 गोवंश दम तोड़ चुके है। यह केवल सरकारी आंकड़ा है। ऐसे भी गोवंश है जो अब भी इस बीमारी से संक्रमित है। वहीं अनेक पशुपालन अपने स्तर पर इसका इलाज करवा रहे है। वहीं हर गांव में पशु के डाक्टर है जिससे इलाज ले रहे है। वहीं लोगों की माने तो हर गांव में इसके केस आ रहे है। इस संक्रमण को रोकने के लिए पशुपालक अपने स्तर पर प्रयास कर रहे है।

बेसहारा हो रहे गोवंश

लंपी स्किन डिजीज बीमारी आने के बाद गोवंश बेसहारा अवश्य हो रहे है। सड़कों पर जहां भी नजर दौड़ाएंगे वहां पर पशु बैठे नजर आ जाएंगे। जिसमें अधिक संख्या गोवंशों की है। कुछ गोशालाओं व नंदीशालाओं ने इन पशुओं को बाहर निकाल दिया है। वहीं जिन गोवंशों में यह बीमारी आ गई है उन्हें भी खुले में छोड़ दिया है। जिससे पशुपालन विभाग की मुश्किलें बढ़ा दी है। फतेहाबाद शहर में भी अनेक ऐसे पशु है जो इस बीमारी से ग्रस्त है। ऐसे में संक्रमण बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। इसके अलावा जिले की अधिकतर गोशालाओं व नंदीशालाओं ने पशुओं को लेने से मना कर दिया है। यहीं कारण है कि दिन हो या रात सड़कों पर पशु बैठे हुए है। ऐसे में जिला प्रशासन केा भी संज्ञान लेना चाहिए।

जिले में अब तक केवल गोवंशा में दिखी बीमारी

फतेहाबाद जिले की बात करे तो लंपी स्किन डिजीज की बीमारी अब तक केवल गोवंशों में नजर आई है। जिससे पशुपालन विभाग ने भी राहत की सांस ली है। अगर ये दूसरे पशुओं में आ गई तो संक्रमण को रोकना भी बड़ी चुनौती होगी। यहीं कारण है कि अब विभाग के डाक्टर पशुपालकों को जागरूक कर रहे है ताकि इसका संक्रमण कम हो सके।

पशुपालक ये करें

-गोवंश में अगर संक्रमण आए तो उसे दूसरे पशुओं से अलग कर दे।

-तुरंत डाक्टर को बुलाए और उच्चाधिकारियों को सूचना दे।

-पशुओं को मक्खी, मच्छर आदि से बचाव करे।

-सुबह व शाम के समय पशुओं को नहलाना चाहिए।

इन आंकड़ों पर डाले नजर

जिले में अब लंपी बीमारी से मिले पशु : 1154

वीरवार को मिले नए पशु : 169

अब तक इस बीमारी से हो चुकी मौत : 30

वीरवार को हुई पशुओं की मौत : 4

जिले में बीमारी से ठीक हुए पशु : 492

जिले में अब संक्रमित पशु : 662

आज से गोवंशों को लगेगी वैक्सीन

पशुपालन विभाग की तरफ से लंपी स्किन डिजीज बीमारी से पशुओं को बचाने के लिए वैक्सीन तैयार की है। जिले में 7200 डोज पशुपालन विभाग के पास पहुंच गई है। वीरवार को खंड स्तर पर इन वैक्सीन की सप्लाई हो गई है। ऐसे में शुक्रवार को पशुओं को वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी। यह वैक्सीन बूस्टर डोज है। ऐसे में जिन इलाके में यह बीमारी नहीं आई है उन पशुओं को इंजेक्शन लगाए जाएंगे ताकि आने वाले दिनों में अगर संक्रमण बढ़ता है तो पशुओं को बचाया जा सके। इसके लिए स्थानीय पशुपालन विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है।

अधिकारी के अनुसार

वीरवार को जिले में 169 संक्रमित नए पशु मिले है। अब इनकी संख्या 1154 हो गई। जिसमें से 492 पशु ठीक हो गए है। वीरवार को चार पशुओं की मौत भी हुई है। वैक्सीन आ चुकी है जो शुक्रवार को लगनी शुरू हो जाएगी।

---डा. सुखविंद्र सिंह, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग।


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