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    भारत भ्रमण कर रहे लंदन के टॉम रोहतक में बोले- भारत एक ऐसा देश है जिसमें कई देश बसे हैं

    रोहतक पहुंचे टॉम ने कहा मेरा पूरा नाम थॉमस कॉब। लंदन में जन्मा हूं फिलहाल मॉरीशस में रह रहा हूं वहां कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन लगने के बाद घूमने के लिए भारत आ गया। करीब 20 दिन से यहां हूं। कहा- ऐसा देश कहीं नहीं है।

    By Manoj KumarEdited By: Updated: Wed, 14 Apr 2021 03:30 PM (IST)
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    भारत भ्रमण कर रहे लंदन के टॉम जो रोहतक पहुंचे हैं

    रोहतक [केएस मोबिन] शहर के एक रुपया चौक पर केरल नंबर प्लेट की बुलेट बाइक पर सवार करीब छह फीट लंबे राहगीर ने चंडीगढ़ जाने के लिए रास्ता पूछा। बातचीत करते हुए पता चला कि वह केरल से कश्मीर यात्रा पर निकले हैं। बाइक पर भारत भ्रमण करने निकले इस राहगीर ने बताया कि चंडीगढ़ में स्टे के बाद आगे की  दूरी तय करेगा। हेलमेट का शीशा ऊपर किए हुए वह लगातार अंग्रेजी में सवाल पूछ रहा था, उच्चारण भी अलग था, दक्षिण भारतीयों जैसा लहजा भी नहीं लगा। आखिर पूछ लिया कि भारतीय हो या कहीं ओर से! इस पर बाइक राइडर ने अपना परिचय ब्रिटिश नागरिक के रूप में दिया।

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    मेरा नाम टॉम है, पूरा नाम थॉमस कॉब। लंदन में जन्मा हूं, फिलहाल, मॉरीशस में रह रहा हूं, वहां कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन लगने के बाद घूमने के लिए भारत आ गया। करीब 20 दिन से यहां हूं, कोच्चि में अपने एक साथी के घर रुका था। कश्मीर की ओर जा रहा हूं। इतनी बात होने पर मैंने उन्हें चाय का ऑफर दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। दिल्ली रोड पर जाट कालेज के पास एक मिल्क पार्लर पर उनके साथ ठंडा मेवेयुक्त दूध पीकर थकान उतारी, इसके बाद तंदूरी चाय और पकौड़े पर बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाया।

    एक देश में कई देशों का अनुभव

    टॉम ने बताया कि वह मॉरीशस में एक फंड मैनेजमेंट फर्म के लिए काम करते हैं। उनके एक सहकर्मी कोच्चि से हैं, उन्हीं के कहने पर भारत आए। कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात होते हुए रोहतक पहुंचे, चंडीगढ़ में नाइट स्टे के बाद आगे के लिए प्रस्थान करेंगे। टॉम कहते हैं कि करीब दो हजार किलोमीटर के सफर पर भारत की विविधता को देख लगता है कि एक देश में कई देश बसे हैं। यह अनुभव अद्भुत है।

    मां विजया शाह की लंदन निवासी जॉन कॉब से हुई शादी

    टॉम से उनके निजी जीवन के बारे में पूछा तो बताया कि मेरी मां का भारत से सीधा नाता है। नाना मूलचंद शाह गुजरात के जामनगर जिले के लाखा बावल गांव निवासी थे। कारोबार के सिलसिले में केन्या चले गए, यहीं पर मेरी मां विजया शाह का जन्म हुआ। इसके बाद यूके में बसे। लंदन निवासी जॉन कॉब (टॉम के पिता) से मां की शादी हुई। टॉम ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया कार्ड होल्डर भी हैं।  

    मुंबई में लगवाई कोविशील्ड की पहली डोज

    कोच्चि से मुंबई आते हुए कोविड-19 के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग प्रभाव से टॉम वाकिफ हुए। मुंबई के एक अस्पताल में चिकित्सकों की सलाह पर कोरोना से बचाव के लिए कोविशील्ड वैक्सीन की पहली डोज लगवाई, बोले कि कश्मीर से वापसी में दूसरी डोज लगवाने का समय भी हो जाएगा। महामारी के बीच इतनी जल्द वैक्सीनेशन करने पर भारत सरकार के प्रयासों को सराहा।