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    करोड़पति है कुंडू दंपती, जिला चेयरमैन पद से इस्तीफा देकर विधायक पद का लड़ा था चुनाव

    By Umesh KdhyaniEdited By:
    Updated: Sat, 27 Feb 2021 08:04 AM (IST)

    आक्रामक राजनीतिक तेवर वाले स्वभाव के तौर पर कुंडू की पहचान होती है। अक्टूबर 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान शपथ पत्र में दिए गए ब्योरे के मुताबिक चपल संपत्तियों में गहने सोना व दूसरी संपत्तियां थीं। इनकी कीमत 723691672 रुपये आंकी गई थी।

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    बलराज भाजपा में थे, टिकट नहीं मिला तो चेयरमैन पद से इस्तीफा देकर विधायक का चुनाव लड़े थे.

    रोहतक, जेएनएन। महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू और उनकी पत्नी परमजीत कुंडू के पास करोड़ों की दौलत है। विधानसभा चुनाव के दौरान अपने शपथ पत्र में कुंडू दंपती के पास करोड़ों की संपत्ति का ब्योरा दिया था। जिला परिषद पद से इस्तीफा देकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। भाजपा से टिकट कटा तो बगावत करके निर्दलीय प्रत्याशी बतौर मैदान में उतरे और जीते।

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    आक्रामक राजनीतिक तेवर वाले स्वभाव के तौर पर कुंडू की पहचान होती है। अक्टूबर 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान शपथ पत्र में दिए गए ब्योरे के मुताबिक, चपल संपत्तियों में गहने, सोना व दूसरी संपत्तियां थीं। इनकी कीमत 72,36,91672 रुपये आंकी गई थी। बलराज के पास उस दौरान 98,0500 रुपये कीमती 800 ग्राम सोना था। कुंडू की पत्नी पत्नी परमजीत के पास चल संपत्ति बतौर 42,28,34364 रुपये की संपत्ति थी। साथ ही परमजीत के पास 15 लाख रुपये कीमत का 1500 ग्राम सोना भी होने का ब्योरा दिया गया था। वहीं, अचल संपत्ति जैसे प्लाट, मकान, जमीन आदि बलराज के पास 19,7047237 रुपये थी। पत्नी के पास 12,8356765 रुपये की अचल संपत्ति होने का ब्योरा दिया गया था।
     
    कुंडू का कारोबार बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश तक में फैला
    कुंडू का कारोबार पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान व हरियाणा के तमाम जिलों में फैला हुआ है। विधायक कुंडू रियल एस्टेट व कंट्रक्शन के कार्य से जुड़े हुए हैं। एक कंपनी के निदेशक भी हैं। हिसार एयरपोर्ट पर रनवे का करीब 164 करोड़, प्रदेश प्रदेश में भारतमाला प्रोजेक्ट में 806 करोड़, राजस्थान में 1878 करोड़, राजस्थान में 1878 करोड़ व पश्चिमी बंगाल में 1183 करोड़ के टेंडर हैं। 
     
    पहले धनखड़ से था छत्तीस का आंकड़ा, बाद में ग्रोवर से नहीं मिले दिल
    विधायक कुंडू अपनी धुन के पक्के माने जाते हैं। कुंडू जब पिछली बार साल 2016 में जिला परिषद के चेयरमैन बने तो उनका तत्कालीन कृषि मंत्री ओपी धनखड़ से छत्तीस का आंकड़ा माना जाता था। उस वक्त कुंडू तत्कालीन मंत्री मनीष ग्रोवर के खास थे। बताते हैं कि एक साथ जन्मदिन मनाने के लिए केक काटा गया। 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले दोनों के बीच अनबन हुई। टिकट कटने के बाद तो कुंडू पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर पर हमलावर होते रहे हैं।
     

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