Kisan andolan: दिल्ली में प्रदर्शन के लिए रोजाना जाएंगे 200 से ज्यादा किसान, बनाई जा रही है रणनीति
किसान आंदोलन को तेज करने की तैयारी है। संसद सत्र के दौरान 200 से ज्यादा किसान टीकरी बॉर्डर से रोज दिल्ली जाएंगे। इधर पुलिस के लिए व्यवस्था बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। 19 जुलाई से संसद सत्र शुरू हो रहा है।

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन के बीच आगामी संसद सत्र के दौरान दिल्ली में प्रदर्शन के लिए रोजाना 200 से ज्यादा किसान जाएंगे। इसके लिए रणनीति बनाई जा रही है। हालांकि इसको लेकर पुलिस-प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। किसानों के इस ऐलान से एक बात तो साफ है कि आंदोलनकारी भी दिल्ली कूच को लेकर सतर्क हैं।
अभी तक तो यह माना जा रहा था कि संसद सत्र के दौरान किसान एक साथ दिल्ली कूच कर सकते हैं, मगर वे भी शायद 26 जनवरी की हिंसा से सबक ले चुके हैं। इसलिए अब सीमित संख्या के साथ दिल्ली में प्रदर्शन का ऐलान किया गया है। हालांकि आंदोलनकारियों का किसी भी तरह के प्रदर्शन के लिए दिल्ली में प्रवेश ही एक तरह से चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है। इसलिए पुलिस-प्रशासन भी किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहेगा।
17 जुलाई को विपक्षी दलों को दी जाएगी चेतावनी
एक दिन पहले महंगाई को मुद्दा बनाकर सड़कों पर प्रदर्शन कर चुके आंदोलनकारियों की नजर अब आगामी संसद सत्र पर है। यह 19 जुलाई से शुरू हो रहा है। इससे पहले आंदोलनकारियों द्वारा 17 जुलाई को तमाम विपक्षी दलों को यह पत्र सौंपा जाएगा कि वे तीन कानूनों के विरोध में पुरजाेर ढंग से खड़े हों अन्यथा कुर्सी छोड़े। किसानों की इस चेतावनी से विपक्षी नेताओं पर दबाव बढ़ेगा।
उद्योगपतियों को नहीं मिला अब तक जवाब
अब तक तो तमाम विरोधी दलों के नेता प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से आंदोलन में सक्रियता दिखा रहे हैं। मंच पर उन्हें भले ही जगह नहीं मिल रही, लेकिन आंदोलन जारी रखने और सरकार पर दबाव बनाने में विरोधी नेता बराबर लगे हुए हैं। उधर, उद्योगपतियों की ओर से दिल्ली बॉर्डर खुलवाने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखे हुई कई दिन बीत चुके हैं, मगर अभी कोई जवाब नहीं मिला है। उद्यमियों का कहना है कि अगर दिल्ली का रास्ता नहीं खुला तो यहां के उद्योग धंधे बर्बाद हो जाएंगे।
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