किसान आंदोलन : 18 फरवरी को चार घंटे तक रेल रोकने को हरियाणा के संगठनों ने बनाई रणनीति
हरियाणा के संगठनों ने बहादुरगढ़ में रविवार को बाईपास पर स्थित निर्माणाधीन नए बस स्टैंड परिसर में बैठक की और 18 फरवरी को 4 घंटे तक रेल रोकने को लेकर रणनीति बनाई। पहले पंजाब के कुछ किसानों नेताओं के साथ हरियाणा के संगठनों ने बैठक की।

बहादुरगढ़, जेएनएन। कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के बीच हरियाणा के संगठनों ने बहादुरगढ़ में रविवार को बाईपास पर स्थित निर्माणाधीन नए बस स्टैंड परिसर में बैठक की और 18 फरवरी को 4 घंटे तक रेल रोकने को लेकर रणनीति बनाई। पहले पंजाब के कुछ किसानों नेताओं के साथ हरियाणा के संगठनों ने बैठक की। बाद में अपनी बैठक करके इस बारे में विचार विमर्श किया गया। कई देर तक चली इस बैठक में सभी किसान नेताओं ने अपनी-अपनी राय रखी। आंदोलन को तेज करने पर जोर दिया गया। गैर किसान तबके को भी आंदोलन में साथ लाने के लिए मुहिम शुरू करने की बात उठी।
बैठक के बाद इंद्रजीत सिंह ने बताया कि 18 फरवरी को स्थानीय रेलवे स्टेशन के अलावा लगभग हर गांव के स्टेशन के पास आंदोलनकारी ट्रैक जाम करेंगे। दोपहर 12 बजे से लेकर शाम चार बजे तक ट्रेनों का आवागमन बंद रखा जाएगा। यह एक तरह से सांकेतिक प्रदर्शन होगा। इससे पहले 16 फरवरी को किसान सांपला में जुटेंगे और दीनबंधु छोटूराम को श्रद्धांजलि देंगे। वैसे तो छोटूराम का जन्मदिन नवंबर में होता है लेकिन उनकी इच्छा थी कि बसंत पंचमी के दिन उनका जन्म दिवस मनाया जाए।
इसी को मद्देनजर रखते हुए यह आयोजन किया जाएगा। किसान नेता वीरेंद्र हुड्डा ने बताया कि सभी किसान संगठन इस मामले में एकजुट हैं और आंदोलन को तेज करने पर जोर दिया जा रहा है। भविष्य की रणनीति को लेकर ही यह बैठक रखी गई थी। बैठक में किसान नेता विकास सीसर, प्रदीप धनखड़, शमशेर सिंह, जोगेंद्र नैन, प्रहलाद सिंह ने भी विचार रखे और आंदोलन को तेज करने के लिए सभी वर्गों को साथ लाने पर जोर दिया।
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