खाप पंचायत ने कहा- अंतरजातीय विवाह के खिलाफ नहीं, ऑनर किंलिंग गलत
हरियाणा की खाप पंचायतें अब अपनी छवि बदलने के प्रयास में जुट गई हैं। खाप पंचायतों का कहना है कि वे अंतरजातीय विवाह क विरोध में नहीं हैं अौर न ही ऑनर किलिंग का समर्थन करती हैं।
जेएनएन, हिसार। हरियाणा की खाप पंचायतें अब अपनी छवि बदलना चाहती हैं। ऑनर किलिंग के मामलों में सवालों के घेरे में आती रहीं खाप पंचायताें ने अब इसका विरोध किया है और खुद का इनसे कोई वास्ता न हाेने की बात कही है1 खाप पंचायतों का कहना है कि उनका अंतरजातीय विवाह करने वालों पर हमलों से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है। खापें ऐसी शादियों का विरोध नहीं करती हैं और न ही ऑनर किलिंग का समर्थन करती हैं।
सरकार से की हिंदू मैरिज एक्ट 1955 में संशोधन करने की मांग
काजला खाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजमल काजल ने कहा कि उनकी खाप सहित अनेक खापें अंतरजातीय विवाहों के समर्थन में प्रस्ताव भी पास कर चुकी हैं ताकि देश से जातपात के जहर को मिटाया जा सके। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के गौरवशाली इतिहास में आस्था जताते हुए कहा कि खापें देश के हर कानून की रक्षा करने में विश्वास रखती है न कि कानून की धज्जियां उड़ाने में।
उन्होंने साथ ही जोड़ा कि यह अलग बात है कि देश की खापें हिंदू मैरिज एक्ट 1955 में संशोधन करवाने, समगोत्र-समगांव व गुहांड में विवाह को प्रतिबंधित करने की मांग लंबे समय से कर रही है। खाप अध्यक्ष ने कहा कि सरकार भी हमारी उचित मांग पर ध्यान नहीं दे रही है, जबकि समगोत्र विवाह न ही तो देश हित में है न ही वैज्ञानिक दृष्टि से उचित है और न ही यह शास्त्री सम्मत है।
खापों का कहना हे कि समगोत्र व समगांव में विवाह हिंदुओं के तीन गोत्र छोड़कर विवाह करने की परंपरा और मान मर्यादाओं का उल्लंघन करता है, जिस पर अंकुश लगाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और कोर्ट के न्याय मित्र को खापों को दोष देने की बजाय सरकार को निर्देश देना चाहिए कि वह खापों की मांग अनुसार हिंदू मैरिज एक्ट 1955 में संशोधन करे ताकि ऑनर किलिंग की जड़ में नमक डाला जा सके।