सिरसा में संत कंबर साहेब बोले, धन से दान करो, तन से सेवा करो और मन से सुमिरन करो
कंवर साहेब ने कहा कि सेवा कोई एक रूप नहीं होता। कोई धन से सेवा करता है तो कोई तन से सेवा करता है लेकिन अगर ये दोनो भी आपके पास नहीं हैं तो तीसरी सेवा जो इनसे भी बड़ी है वो करो। वो सेवा है मन की।

सिरसा, जागरण संवाददाता। सिरसा में सतगुरु कंवर साहेब महाराज ने कहा कि संत कभी अभिमान नहीं करते। संत तो हर जीव के सांचे में ढल जाते हैं क्योंकि उन्हें काल और माया के देश में गाफिल रूहों को उनके असल धाम जो पहुंचाना। जहां संतो के चरण टिक जाते हैं वो भूमि पावन हो जाती है और जिन जीवों पर उनकी दृष्टि पड़ी है उनका तो जन्म जन्मांतर के सारे कर्म कट जाते हैं। कंवर साहेब महाराज ने रूपावास गांव में स्थित राधास्वामी आश्रम में मंगलवार को प्रवचन करते हुए कही।
रूपावास स्थित स्वामी आश्रम में सत्संग के दौरान कहा संत कभी संत होने का दावा नहीं करते
इस दौरान पूसड धाम गोरियांवाली से बाबा चंद सिंह भी उपस्थित रहे। बाबा चंद सिंह ने अपने स्वागत से अभिभूत होकर कहा कि संतो की शरनाई में ही सब कुछ है। उन्होंने कहा कि राधास्वामी आश्रम दिनोद के अधिष्ठाता परमसंत ताराचंद महाराज को उन्हें चाय पिलाने का अवसर मिला था और यही कारण है आज मुझे आपकी सेवा करने का मौका मिला है। बाबा चंद सिंह का मान सम्मान करते हुए कंवर साहेब महाराज ने कहा कि संत एक ही घर से आते हैं। संत कभी संत होने का दावा नहीं करते। वे तो दया प्रेम का पाठ पढ़ाकर शेर और बकरी को एक ही घाट पर पानी पिलाने का कार्य करता है। कार्यक्रम के दौरान समाज सेवी कप्तान मीनू बैनिवाल द्वारा बनवाए गए शेड का उद्घाटन किया गया।
सेवा कोई एक रूप नहीं होता
कंवर साहेब ने कहा कि सेवा कोई एक रूप नहीं होता। कोई धन से सेवा करता है तो कोई तन से सेवा करता है लेकिन अगर ये दोनो भी आपके पास नहीं हैं तो तीसरी सेवा जो इनसे भी बड़ी है वो करो। वो सेवा है मन की।हुजूर महाराज ने कहा कि माया दो फल देने वाली है। यदि इसको खाते और संचय करते हो तो ये मुक्ति दे देती हैं लेकिन यदि इसका संग्रह करते हो तो ये आपका नाश कर देती है। इसके खाने और खर्चने में भी अंतर है। यदि माया का खाना और खरचना नकारात्मक है तो ये मटियामेट कर देती है।खाना और खरचना भी वो भला है जो साध संगत के काम आए।
अगर समय रहते चेत जाए
हुजूर कंवर साहेब ने कहा कि बुढ़ापे में हम स्यापा पाते हैं कि मुझे एक मौका और दे दो मैं भक्ति करूंगा।अगर समय रहते चेत जाएं तो जगत भी सुधरे और अगत भी। गुरु महाराज ने कहा कि अगर एक आदमी भी सत्संग का एक वचन भी अपने जीवन में शुद्धता और ईमानदारी से ढाल ले तो वो एक ही करोड़ों को इस भवसागर से तार ले जाएगा। उन्होंने कहा कि एक बीज लाखो बीज पैदा कर सकता है तो एक सच्चा इंसान करोड़ो सच्चे इंसानो को पैदा क्यों नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा जीवन हमारा जीवन नहीं है ये संत सतगुरु का जीवन है तो हम इसकी पवित्रता को कैसे भंग कर सकते हैं। गुरु महाराज ने कहा कि गुरु की शरण में जाओ तो खाली होकर जाओ।
समाज सेवी कप्तान द्वारा बनवाए गए शैड का किया उद्घाटन
समाजसेवी कप्तान मीनू बैनीवाल द्वारा रुपावास राधा स्वामी आश्रम में शैड का निर्माण करवाया गया जिसका उद्घाटन कंवर साहब ने किया। शैड का उद्घाटन करते हुए हुजुर महाराज ने कहा कि कप्तान मीनू बैनिवाल ने इतना बड़ा शेड निर्माण करवाया है जिस के नीचे हजारों की संख्या में संगत आराम से धूप बारिश में बैठकर सत्संग सुन रहे हैं। यह एक समाज सेवा का सराहनीय कार्य है।
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