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    देशभर में अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है हिसार जिले का काजला हनुमान मंदिर

    By Manoj KumarEdited By:
    Updated: Wed, 30 Dec 2020 05:38 PM (IST)

    हिसार से 18 किलोमीटर दूर स्थित गांव काजला का हनुमान मंदिर अपनी धार्मिक तथा ऐतिहासिक विशिष्टताओं के चलते क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपना एक अहम स्थान रखता है। 1984 में ब्रह्मलीन पुजारी गोपीराम जोशी एवं देवकीनंदन जोशी ने मंदिर निर्माण की शुरूआत में ध्वजा फहराई थी

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    मान्‍यता है कि हिसार के काजला हनुमान मंदिर में आने वाले हर भक्‍त की मनोकामना पूर्ण होती है

    मंडी आदमपुर [अमित गोयल] आदमपुर से करीब 18 किलोमीटर दूर स्थित गांव काजला का हनुमान मंदिर अपनी धार्मिक तथा ऐतिहासिक विशिष्टताओं के चलते क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपना एक अहम स्थान रखता है। मान्यता है कि इस मंदिर में आने वाले प्रत्येक भक्त की मनोकामना पूरी होती है। शनिवार आषाढ़ सुदी 31 संवत 2041 (जुलाई 1984) को ब्रह्मलीन पुजारी गोपीराम जोशी एवं देवकीनंदन जोशी ने यहां मंदिर निर्माण की शुरूआत के रूप में ध्वजा फहराई थी। धीरे-धीरे जन सहयोग से मंदिर का निर्माण कार्य चलता रहा। मंदिर में श्रीझंडे वाले बाबा दरबार की प्राण प्रतिष्ठा 31 जनवरी 1990 को हुई।

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    इनके अलावा मंदिर में श्रीराम दरबार, श्रीगणेश दरबार, विष्णु-लक्ष्मी दरबार, दुर्गा माता दरबार, शिव परिवार, राधा-कृष्ण दरबार, पंचमुखी हनुमान व अंजनी माता के दरबारों की मूर्ति स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा 11 अप्रैल 1998 को हुई। मंदिर के महंत अंजनी भाई जोशी ने बताया कि मंदिर में आने वाले भक्तों के रहने, ठहरने व खाने-पीने का पूरा प्रबंध श्रीकाजला धाम सेवा समिति द्वारा पूरे वर्ष नि:शुल्क होता है। यहां भंडारा पिछले 35 वर्षों से निरंतर जारी है। पूरे साल में यहां पांच विशाल मेलों का आयोजन किया जाता है।

    जिनमें अप्रैल में चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जयंती, जुलाई में आषाढ़ पूर्णिमा पर श्रीगुरु पूर्णिमा महोत्सव, अक्तूबर में आषोज पूर्णिमा पर शरद पूर्णिमा मेला, जनवरी-फरवरी में बसंत पंचमी पर मंदिर निर्माण दिवस तथा मार्च में फाल्गुन सुदी पूर्णिमा पर होली मेला आयोजित किया जाता है। प्रत्येक मेले वाले दिन रात को भजन-संकीर्तन होते है। मेले के अगले दिन शक्ति प्रसन्नता हवन व उससे अगले दिन संकटमोचन हवन का आयोजन होता है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के भोजन-प्रसाद के लिए मां अन्नपूर्णा भवन बना है जो करीब 12 हजार वर्ग फीट में फैला है। इस भवन का शुभारंभ ब्रह्मलीन पुजारी रमेश जोशी के सान्निध्य में 3 अप्रैल 2007 को हुआ।

    इस समय बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त धर्मशाला का निर्माण कार्य चल रहा है। मंदिर प्रवक्ता ने बताया कि मुराद पूरी होने के कारण देश कोने-कोने के अलावा विदेशों से भी श्रद्धालु यहां आते है तथा बाबा का आशीर्वाद लेकर जाते है। श्रद्धालु आर्थिक, मानसिक, पारिवारिक तथा शारीरिक परेशानियों के लिए यहां प्रचलित परंपरा के अनुसार सवा दो रुपये की अनाज की अरदास लगाते है। यहां दर्शन को आने वाले भक्तों पर श्रीबालाजी महाराज की विशेष कृपा बनी रहती है। नए साल पर आप यहां घूमने जाने का प्‍लान बना सकता हैं।