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लगान भरकर लिया था सिरसा का जोधकां गांव, बेटियों ने खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिलाई पहचान

गांव जोधकां ऐतिहासिक गांवों में से एक है। इस गांव को जोधा खान नामक मुस्लिम ने बसाया था उसी के नाम पर गांव का नाम जोधकां पड़ गया। वर्तमान में गांव की बेटियां खेलों के क्षेत्र में गांव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में सफल रही है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 04 Jan 2022 11:10 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jan 2022 11:10 AM (IST)
1872 में बसा था गांव जोधकां, गुलाब गिर ने लगान भरकर खरीदा था

विनोद स्वामी, डिंग मंडी(सिरसा ) : जिला मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर दूर गांव जोधकां ऐतिहासिक गांवों में से एक है। 1872 में गुलाब गिर द्वारा लगान भरकर गांव को खरीदा गया था। इस गांव को जोधा खान नामक मुस्लिम ने बसाया था, उसी के नाम पर गांव का नाम जोधकां पड़ गया। वर्तमान में गांव की बेटियां खेलों के क्षेत्र में गांव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में सफल रही है। सविता पूनिया भारतीय हाकी टीम के कप्तान के रूप में गांव का गौरव बढ़ा रही है। इसके अलावा फुटबाल में रचना गोस्वामी, रेखा व कुसुम ने भी पहचान बनाई है।

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---गांव को 175 वर्ष पहले गुलाब गिर द्वारा लगान भरकर खरीदा गया। वह बहल मठ के संचालक भगवान गिर के अनुयायी थे। गुलाब गिर के तीन पुत्र रामपत गिर, बंतुन गिर और सूरज गिर थे। उनके अागे 12 वंशजों में पदम गिर, मोहन गिर, किशन गिर, खूब गिर और बलदेव गिर जैलदार बने। इस गांव में सभी जाति बिरादरी के लोग रहते हैं। गांव में प्राचीन शिव मंदिर, कुआं, जोहड़, संत गिरी धाम, गुलाब गिरी धाम इत्यादि दर्शनीय स्थल है। गांव की आबादी करीब आठ हजार है। गांव के शिव मंदिर के बारे में प्रख्यात है कि दिल्ली से लाहौर जाने वाले रास्ते में पड़ने वाले इस गांव से बंजारा समुदाय के लोग गुजरते थे, उन्होंने ही इस मंदिर का निर्माण करवाया था।

-----गांव के विद्यानंद गिर ने रेलवे स्टेशन का निर्माण करवाया। पूर्व सरपंच नंदराम गिरी ने प्राइमरी स्कूल का गेट बनवाया। हीरा लाल शाक्य ने पूर्वायन ढाणी में मंदिर, धर्मशाला, स्कूल का निर्माण व जगह उपलब्ध करवाई। इसके अलावा गांव में भगवती प्रसाद शर्मा राजस्थान हाईकोर्ट के जज रहे हैं। गांव के ढोकल गोदारा, मोमन हरी, रामलाल जांगू आजाद हिंद फौज के सिपाही थे। गांव के दो व्यक्ति देश के स्वतंत्रता संग्राम में काला पानी की सजा काटने गए थे, जिनमें से एक ही वापस लौटा है। गांव में अनेक लोग सरकारी नौकरियों में हैं।


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