मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए झज्जर स्वास्थ्य विभाग जलाशयों में डालेगा गंबूजिया मछली
स्वास्थ्य विभाग जलाशयों में गंबूजिया मछली डालेगा। ताकि गंबूजिया मछली जलाशयों के पानी में पैदा होने वाले मच्छर के लारवा को खाकर नष्ट कर दे। पानी में पैदा होने वाला मच्छर का लारवा गंबूजिया मछली का भोजन होता है।

जागरण संवाददाता,झज्जर : बरसात के बाद मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जबकि सबसे अधिक खतरा मलेरिया फैलने का होता है। हालांकि इस वर्ष में अभी तक एक भी मलेरिया का मामला नहीं मिला है। लेकिन अभी केवल पांच माह ही बीते हैं और मलेरिया फैलने का पीक समय बकाया है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग पहले ही पुख्ता प्रबंध करने में जुटा हुआ है। जिसके तहत जिले के जलाशयों में गंबूजिया मछली डालेगा। ताकि गंबूजिया मछली जलाशयों के पानी में पैदा होने वाले मच्छर के लारवा को खाकर नष्ट कर दे। पानी में पैदा होने वाला मच्छर का लारवा गंबूजिया मछली का भोजन होता है। अगर गंबूजिया मछली मच्छर के लारवा को ही खा लेगी, तो मच्छर भी पैदा नहीं होंगे और मच्छर जनित बीमारियों का खतरा भी घट जाएगा।
जलाशयों में गंबूजिया मछली डालने के लिए रोहतक से मछली का बीज लेकर आए थे, जिसे मदर फिश हैचरी में तैयार किया जा रहा है, ताकि सीधे जलाशयों में डाली जा सके। जिले की बात करें तो 300 से अधिक जलाशयों की निशानदेही की गई हैं, जहां पर गंबूजिया मछली डाली जानी है। हालांकि अभी मानसून ने भी दस्तक नहीं दी है। मानसून आने के बाद जलाशय ही नहीं, जिले में जगह-जगह जल जमाव की स्थिति देखने को मिलेगी। जहां पर मच्छर पैदा होने का खतरा बना रहता है। इसको देखते हुए विभाग लोगों को जागरूक करने में जुटा हुआ है। ताकि लोग खुद जागरूकता बरते और मच्छर जनित बीमारियों के खतरे से बचे रहें।
मलेरिया के लक्षण
-बुखर आना
-सिर दर्द होना
-उल्टी होना
-मन खराब होना
-ठंड लगना
-चक्कर आना
-थकान होना।
-सांस लेने में दिक्कत
मलेरिया से कैसे करें बचाव 3
-मलेरिया मच्छर अधिकतर शाम व रात के समय काटता है। इसलिए इस समय घर पर रहें और मच्छरों से बचाव करें।
-मलेरिया से बचने के लिए ऐसे कपड़ों का प्रयोग करें जो शरीर के अधिकांश हिस्से को ढक सकें।
-घर के आसपास बारिश या अन्य पानी एकत्रित ना होने दें। खड़े पानी में मच्छर पैदा होते हैं।्र
-बुखार तेजी से बढ़ रहा है तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें और जांच करवाएं।
-मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए उपाय करें और सावधानी बरतें।
पिछले वर्षों में यह रहा मलेरिया का ग्राफ
वर्ष ---- मलेरिया मरीज
2015 ---- 82
2016 ---- 88
2017 ---- 91
2018 ---- 68
2019 ---- 45
2020 ---- 11
2021 ---- 6
-मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए जलाशयों में गंबूजिया मछली डाली जाएगी। ताकि जलाशयों के जल में मच्छर का लारवा पैदा ना हो। साथ ही लोगों को भी बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है।
डा. तीर्थ सिंह बागड़ी, नोडल अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग झज्जर।
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