शहीद साहिल को पांच वर्षीय बेटे ने दी मुखाग्नि, राजकीय सम्मान से अंतिम विदाई, हर आंख नम
बेंगलुरु में भारतीय वायुसेना की हवाई करतब टीम सूर्य किरण के दो विमान टकराने के दौरान हादसे में हिसार के पायलट विंग कमांडर साहिल गांधी की मौत हो गई थी। आज हुआ अंतिम संस्कार
हिसार, जेएनएन। बेंगलुरु में भारतीय वायुसेना की हवाई करतब टीम सूर्य किरण के दो विमान टकराने के दौरान हादसे में शहीद हुए हिसार के पायलट विंग कमांडर साहिल गांधी का अंतिम संस्कार किया गया। पांच साल के बेटे रेहान ने उन्हें मुखाअग्नि दी, इस मंजर को देख हर कोई रो दिया। गुरुवार की सुबह उनका पार्थिव शरीर बेंगलुरु से हिसार पहुंचा, एयरपोर्ट पर परजिनों और शहरवासियों के अलावा विधायक डाॅ. कमल गुप्ता भी मौजूद रहे। वहीं इसके बाद पार्थिव शरीर को घर लाया गया तो हर आंख नम हो गई और परिजन फफक कर रो पड़े। अंतिम संस्कार के दौरान यात्रा पर सारा शहर उमड़ पड़ा। संस्कार के दौरान सांसद दुष्यंत चौटाला भी श्मशान भूमि पहुंचे थे।
बता दें कि मंगलवार को एयर शो की रिहर्सल के दौरान वायुसेना के लड़ाकू विमान टकराए थे जिसमें सुखोई-30 के पायलट विंग कमांडर साहिल गांधी की जान नहीं बच सकी। वहीं अन्य दो पायलट की जान बाल-बाल बची। साहिल गांधी हिसार के पीएलए निवासी थे।
हिसार एयरपोर्ट पर साहिल के शव के साथ जवान
फोन पर मिली जानकारी, न्यूज चैनल से हुई पुष्टि
जिस समय यह हादसा हुआ उनके पिता मदनमोहन गांधी घर पर आराम कर रहे थे। किसी जानकार ने फोन कर साहिल के विमान हादसे की सूचना दी। मदनमोहन गांधी ने न्यूज चैनल लगाकर हादसे की खबर देखी तो बेटे को फोन लगाया। मगर, बेटे का फोन नहीं लगा। इसके बाद उन्होंने बेटे के साथ एयर फोर्स में तैनात उसके दोस्तों को फोन लगाया और साहिल के बारे में जानकारी मांगी। उन्होंने बताया कि हादसे को लेकर उनके पास पूरी अपडेट नहीं है।
शहीद साहिल का शव हिसार उनके घर पहुंचने पर एकत्रित लोगों की भीड़
दो घंटे तक मदनमोहन गांधी अपने बेटे की सलामती की दुआ मांगते रहे। हादसे के दौरान वह अपने विमान से कूद गया हो। मगर, ऐसा नहीं हुआ। डेढ़ बजे के आसपास उन्हें सूचना मिली की विंग कमांडर साहिल गांधी की विमान हादसे में मौत हो गई।
पिता को जहां बेटे की मौत का सदमा पहुंचा। वहीं गुरु जंभेश्वर विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के नशा मुक्त भारत कार्यक्रम में आए श्रीश्री रवि शंकर को सुनने के लिए विंग कमांडर साहिल की मां सुदेश गांधी गई हुई थी। दोपहर एक बजे जब वह घर लौटीं तो मदमोहन गांधी ने उन्हें हादसे के बारे में जानकारी दी। उन्हें यकीन नहीं हुआ कि उनके बेटे की मौत हो गई है।
हिसार एयरपोर्ट पर शहीद साहिल गांधी का शव लेकर पहुंचे एयरफोर्स के जवान
साहिल की मौत से जहां उसके घर पर मातम छा गया। वहीं पीएलए में ही रहने वाले उनके ससुर डा. ओपी झाम के घर भी ऐसा ही हाल था। दोनों घरों में रिश्तेदारों और परिजनों का तांता लग गया। इतना ही नहीं चौधरी चरण ङ्क्षसह विश्वविद्यालय और लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में भी मातम छा गया। दोनों विवि के प्रोफेसर डा. गांधी के घर पहुंच गए। लुवास कुलपति डा. गुरुदियाल सिंह भी पहुंचे।
हादसे में क्रैश हुआ साहिल गांधी का प्लेन
सोमवार रात को हुई थी बात
परिजनों ने बताया कि साहिल की सोमवार रात को अपनी मां और पिता दोनों से हुई थी। साहिल ने हर बार की तरह उन्हें इस बार भी बुधवार से शुरू होने वाले अपने एयर शो का लाइव देखने को कहा था। माता पिता ने वादा किया था कि वह उसका रिहर्सल शो जरूर देखेंगे। मगर, ऐसा नहीं हो पाया। परिजनों के साथ पड़ोसी और रिश्तेदार भी एयर शो का इंतजार कर रहे थे। परिजनों ने बताया कि आखिरीबार जब गुरुग्राम के विदर में एयरशो हुआ था तो साहिल की मां डा. सुदेश गांधी और पिता मदनमोहन गांधी दोनों गुरुग्राम गए थे।
साहिल गांधी अपनी पत्नी हिमानी के साथ फाइल फोटो में
पत्नी अमेरिका तो भाई स्विटजरलैंड से आए
साहिल के पिता मदनमोहन गांधी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर थे। जबकि मां डा. सुदेश गांधी एचएयू के होम साइंस के फैमिली रिसोर्स मैनेजमेंट विभाग में एचओडी थी। जुलाई 2018 में वह एचओडी के पद से सेवानिवृत हुई थी। परिजनों ने बताया कि साहिल की शादी साल 2010 में हुई थी। साहिल गांधी और उनकी पत्नी हिमानी झाम दोनों एचएयू के कैंपस स्कूल में साथ पढ़ते थे। हिमानी झाम साहिल से एक क्लास जूनियर थी।
शहीद साहिल के बेटे रेहान को समझाते हुए परिजन
साहिल का साढ़े पांच साल का बेटा रेहान है। हिमानी झाम अपनी मां इंदू झाम और बेटे रेहान के साथ अमेरिका में है। हिमानी अमेरिका में टीसीएस कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। वह बुधवार दोपहर तीन बजे तक दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंची और इसके बाद देर शाम हिसार आई। वहीं साहिल के बड़े भाई नीतिन गांधी स्विटजरलैंड में रहते हैं। वह भी एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं और वह दोपहर डेढ़ बजे तक बुधवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे थे जिसके बाद वो भी देर शाम हिसार आ गए।