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    हिसार में जून के पिछले 15 दिनों में घटे 233 एक्टिव मामले, अब सिर्फ 75 संक्रमित बचे

    हिसार जिले में पिछले 15 दिनों में कोरोना के 233 एक्टिव मामले कम हुए हैं। 14 जून को हिसार में कोरोना के 308 एक्टिव मामले थे। वही रविवार 27 जून को कोरोना के एक्टिव मामले घटकर 75 पर पहुंच गए हैं

    By Manoj KumarEdited By: Updated: Mon, 28 Jun 2021 09:14 AM (IST)
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    हिसार में कोरोना केसों की संख्‍या लगातार गिरती जा रही है

    जागरण संवाददाता, हिसार। हिसार में जून महीने में कोरोना के मामलों में तेजी से कमी आई है। जून में मिले कोरोना के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले 15 दिनों में कोरोना के 233 एक्टिव मामले कम हुए हैं। 14 जून को हिसार में कोरोना के 308 एक्टिव मामले थे। वही रविवार 27 जून को कोरोना के एक्टिव मामले घटकर 75 पर पहुंच गए हैं। यह स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ आम लोगों के लिए भी राहत भरी खबर है। कोरोना के एक्टिव मामलों में से अधिकतर मरीज तो होम आइसोलेशन में ही उपचार ले रहे हैं।

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    अब तकरीबन सभी अस्पतालों के बेड खाली है। इधर कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां तेज हो गई हैं। कोरोना की तीसरी लहर के मामले आसपास राज्य में मिलने भी लगे हैं। जिसके चलते जिला स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, बेड की संख्या बढ़ाने पर काम कर रहा है। साथ ही छोटे बच्चों के उपचार के लिए जरूरी सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। जिले में अब तक कुल 53 हजार 896 केस आए है। इनमें से 52 हजार 715 स्वस्थ हुए है। कोरोना से अब तक 1106 की मौत हो चुकी है।

    माना जा रहा है कि तीसरी लहर में अन्य आयु वर्गो के मुकाबले सबसे अधिक बच्चे संक्रमित हो सकते हैं क्योंकि 18 साल से नीचे के आयु वर्ग में अभी तक वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यतः बच्चों के उपचार संबंधी सुविधाएं जुटानी शुरू कर दी है। सिविल अस्पताल से डाक्टरों को भी ट्रेनिंग के लिए रोहतक मेडिकल भेजा जाएगा।

    जहां बच्चों के संक्रमित होने पर उनके उपचार के बारे में जानकारी और उपचार के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों बारे जानकारी दी जाएगी। इसके लिए विभाग प्रदेश के सभी जिलों से बाल रोग विशेषज्ञ सहित अन्य स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को ट्रेनिंग के लिए रोहतक भेज रहे है। फिलहाल निजी अस्पतालों में बेड की संख्या कुछ कम की गई है। लेकिन साथ ही निदेशालय ने निर्देश दिए हैं कि निजी अस्पतालों में बेड रिजर्व रखें जाए, ताकि जरूरत पड़ने पर इन्हें काम में लिया जा सकें।

    वही संजीवनी कोविड अस्पताल में भी कुछ स्टाफ को अस्पताल में ही तैनात रहने के आदेश दिए गए हैं। गौरतलब है कि संजीवनी अस्पताल को 500 बेड का बनाया गया था। यहां पर 200 बेड मरीजों के लिए लगाए गए थे और 300 बेड रिजर्व रखे गए थे। अब यहां पिछले 10 दिन से कोई भी मरीज दाखिल नहीं है। जिसके चलते अधिकतर स्टाफ को वापस बुलाया जा रहा है।