जीजेयू की प्रचलित लाइब्रेरी में छात्राें के अपेक्षा सीटें कम व दिव्यांग छात्रों के लिए नहीं कोई सुविधा
जीजेयू में बनी लाइब्रेरी में विद्यार्थियों के अपेक्षा सीटें कम है। लाइब्रेरी में दिव्यांग छात्रों के लिए सीढ़ियों पर चढ़ने के लिए व्हील चेयर या अन्य सुविधा भी नहीं है। ऐसे में दिव्यांग छात्र लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए जा नहीं पाते है। इस वजह से छात्र-छात्राओं में रोष है।

जागरण संवाददाता, हिसार। गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीजेयू) में बनी लाइब्रेरी में विद्यार्थियों के अपेक्षा सीटें कम है। लाइब्रेरी में दिव्यांग छात्रों के लिए सीढ़ियों पर चढ़ने के लिए व्हील चेयर या अन्य सुविधा भी नहीं है। ऐसे में दिव्यांग छात्र लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए जा नहीं पाते है। इस वजह से छात्र-छात्राओं में रोष है। लाइब्रेरी में पुस्तकों की कमी है और डिजिटल भी नहीं है। इस बारे में छात्र संगठन कई बार विवि प्रशासन को अवगत करवा चुके है, पर समाधान नहीं हो रहा।
इसको लेकर विवि के विद्यार्थी यह मुद्दा नैक की टीम के समक्ष रखना चाहते थे, ताकि इन समस्याओं का समाधान हो सके। मगर विवि कमेटी ने छात्रों को नैक की टीम से दूर ही रखा, टीम से मिलने तक नहीं दिया। इस वजह से विद्यार्थियों में रोष है। लाइब्रेरी में सीटें कम होने के कारण विद्यार्थी पढ़ नहीं पाते। परीक्षा के दिनों में सबसे अधिक परेशानी होती है। ऐसे में छात्रों की संख्या अधिक हो जाती है तो उनकी आपस में सीट को लेकर झगड़ा भी होता है। हास्टल में रहने वाले विद्यार्थी रात्रि में भी पढ़ते है। जब सीट नहीं मिलती तो वह पढ़ नहीं पाते। इसको लेकर छात्र पहले भी प्रदर्शन कर चुके हैं।
कोर्स नए शुरू हुए, पर स्थाई विभाग नहीं बनाए
इनसो चेयरमैन हरिंद्र बेनिवाल का कहना है कि विवि में कई नए कोर्स तो शुरू हो गए है, पर आज तक यह नहीं पता कि उनकी कक्षाएं लगना लगती है। इनके लिए अलग से स्थाई विभाग नहीं बनाए है। विद्यार्थियों की एक कक्षा किसी ब्लाक में लगती है तो दूसरी कक्षा दूसरे ब्लाक में लगती है। सभी छात्र कक्षाएं लगाने के लिए एक जगह से दूसरी जगह चक्कर काटते रहते है। पिछले दो से तीन सालों से अर्थशास्त्र विभाग लाइब्रेरी में चल रहा है। इससे लाइब्रेरी की जगह पहले से भी कम हो गई है।
छात्र के पास खुद से पढ़ने का क्या विकल्प
विवि की लाइब्रेरी का डिजिटिलाइजेशन न होने पर नैक की टीम ने भी सवाल उठाए थे। टीम ने कमेटी को आदेश दिए कि लाइब्रेरी का डिजिटलाइजेशन जल्द से जल्द किया जाएं। इसके अलावा विवि से सवाल किया था कि आफलाइन कक्षा या शिक्षा के बिना छात्रों के पास खुद से पढ़ने का क्या विकल्प है। घर पर छात्र कैसे पढ़ेगा। उस दौरान विवि प्रशासन ने कहा कि संबंधित विषयों की पीडीएफ बनाकर इंटरनेट मीडिया पर डाली हुई है, जिससे छात्र खुद आसानी से पढ़ सकता है।
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