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    कोरोना के कारण अगर मानसिक तनाव है तो बाहर निकलने के लिए अपनाएं बस ये उपाय

    By Manoj KumarEdited By:
    Updated: Mon, 12 Oct 2020 05:24 PM (IST)

    लोगों में तनाव बैचेनी आत्महत्या घबराहट चिंता बढऩे के साथ अपनों को खोने का गम जैसी मानसिक समस्याएं बढ़ती जा रही है। शरीर में सैरोटोनिन डोपामाइन जैसे रस ...और पढ़ें

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    शरीर में सैरोटोनिन, डोपामाइन जैसे रसायन की मात्रा को संतुलति रखना होगा।

    हिसार, जेएनएन। कोरोना ने आम जिंदगी पर बुरा असर डाला है। इससे बेरोजगारी बढऩे व आर्थिक स्थित खराब होने के कारण लोगों में तनाव, बैचेनी, आत्महत्या, घबराहट, बेवजह चिंता बढऩे के साथ अपनों को खोने का गम जैसी मानसिक समस्याएं बढ़ती जा रही है। ऐसे में हमें हमें पैसे, मैनपावर व समय का निवेश कर अपने आपको और अन्य लोगों को मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना होगा। वहीं शरीर में सैरोटोनिन, डोपामाइन जैसे रसायन की मात्रा को संतुलति रखना होगा। इन दोनों रसायनों की कमी या अधिकता की वजह से ही गंभीर मानसिक बीमारियां हो सकती है।

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    धूप में रहने से, दूध पीने व कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन करने से शरीर में सेरोटोनिन बनता है। जिससे मानसिक रोगों से बचाव होता है। वहीं डोपामाइन की अधिकता को बढऩे से रोकने के लिए हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाना चाहिए। इससे गंभीर मानसिक बीमारियों का खतरा कम किया जा सके। कुछ ऐसे मरीज भी है जो उपचार हीं नहीं करवाते। कोरोना काल में डिजिटल ट्रीटमेंट भी मरीजों को दिया गया है। जिसमें टेली मेडिसन व टेली उपचार मरीजों को दिया गया था। गौरतलब है कि देश की कुल जनसंख्या में से 10 फीसद जनसंख्या मानसिक रोगी है। इनमें 0.8 फीसद को गंभीर मानसिक बीमारियां है।

    मेंटल हेल्थ पर तीन पहलू पर होगा विचार विमर्श

    हरियाणा साइकेट्रिक एसोसिएशन की सोसाइटी फॉर रूरल मेंटल हेल्थ की ओर से वल्र्ड मेंटल हेल्थ डे पर 5वें एनुअल नेशनल कांफ्रेस का आयोजन किया जाएगा। एसोसिएशन प्रधान हिसार से शांति मिशन अस्पताल के संचालक डा. बीर सिंह यादव ने बताया कि इस बार की कांफ्रेस में रोहतक मेडिकल में इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ विभाग में सुबह 8 से शाम 6 बजे होगी। कांफ्रेस में कोविड-19 महामारी का मानसिक स्वास्थ्य पर असर विषय पर देशभर के साइकेट्रिस्ट मंथन करेंगे। मुख्यत: तीन पहलुओं पर कांफ्रेस आयोजित होगी।

    डा. बीर सिंह ने बताया कि मौजूदा समय में देश-विदेश में 18 से 25 साल के युवाओं में सुसाइड का रेट, मानसिक बीमारियां, डर, शक, वहम की बीमारियां आदि कोरोना की वजह से बढ़ी है। इनमें सबसे अधिक लॉकडाउन का असर रहा। जिससे लोग समाज से कट गए। इससे आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा और लोगों की नौकरियां छूटी। इससे मानसिक बीमारियां बढ़ी है। इससे बचने के लिए सुसाइड के बढ़ते केस, कोरोना के कारण आर्थिक स्थिति पर असर और कोरोना से उत्पन्न हुई स्थिति पर कैसे नियंत्रण किया जाए। इन बिंदुओं पर पर काम करना होगा।

    कोरोना के कारण लोगों में तनाव, बैचेनी, डर जैसी मानसिक बीमारियां उत्पन्न हुई है। उचित खानपान ले और हेल्दी लाइफ स्टाइल जिए। स्टे यूनाइटेड, स्टे कनेक्टिड, स्टे हैप्पी, स्टे सेफ का फार्मूला अपनाया जाना चाहिए।

    - डा. बीर सिंह यादव, मनोचिकित्सक, शांति मिशन अस्पताल

    मानसिक बीमारियों से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल जिएं। नियमित रूप से व्यायाम और उचित खानपान जरुरी है, वहीं सामाजिक गतिविधियों में लगातार भाग लें, ताकि मानसिक बीमारियों से बचा जा सके।

    - डा. शालू ढांडा, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट, सिविल अस्पताल , हिसार