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    ई संजीवनी के जरिए स्पेशलिस्ट चिकित्सकों से उपचार दिलवाने में अन्य जिलो के मुकाबले हिसार आगे

    By Manoj KumarEdited By:
    Updated: Sun, 31 Jul 2022 10:06 AM (IST)

    ई संजीवनी को सीएचसी और पीएचसी स्तर तक पहुंचाने पर गांव के मरीजों को काफी लाभ मिल रहा है क्योंकि उन्हें स्पेशलिस्ट चिकित्सको तक पहुंचने के लिए रुपए खर्च कर बसों में यात्रा कर हिसार पहुंचना पड़ता था। अब गांव के स्वास्थ्य केंद्र में ही उपचार मिल पा रहा है।

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    ई संजीवनी के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों से उपचार दिलवाया जा रहा है

    जागरण संवाददाता, हिसार। प्रदेश में ई संजीवनी के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों से उपचार दिलवाने में अन्य जिलो के मुकाबले लगातार आगे चल रहा है। जून में 881 और जुलाई में भी 800 के करीब मरीजों ने ग्रामीण स्तर पर ई संजीवनी के माध्यम से उपचार करवाया है। जबकि अन्य जिले हिसार से काफी पीछे हैं। अन्य जिलों की रिपोर्ट के अनुसार किसी जिले में 421 तो किसी जिले में 400 के करीब मरीजो को इसके जरिए उपचार दिया गया है। गौरतलब है कि ई संजीवनी के जरिए घर बैठे ही स्पेशलिस्ट चिकित्सकों से उपचार करवाया जा सकता है और दवाइयां भी लिखवाई जा सकती हैं।

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    इसमें वीडियो काल के जरिए भी स्पेशलिस्ट चिकित्सक उपचार देते हैं। इसमें बुखार एलर्जी या कोई अन्य बीमारी का भी उपचार करवा सकते हैं। गांव के लोगों को इस योजना का लाभ देने के लिए सीएचसी लेवल पर वहां काम करने वाले चिकित्सक की मदद से  ई संजीवनी के जरिए चार हब सेंटर पर बैठे स्पेशलिस्ट चिकित्सको के जरिए उपचार दिलवाया जाता है। सरकार की तरफ से एक साल पहले इस योजना को शुरू किया गया था। इसमें पूरे देश में स्पेशलिस्ट चिकित्सको के  हब सेंटर बनाए गए थे।

    हिसार में भी चार हब सेंटर बनाए गए हैं जो मरीजों को उपचार दे रहे हैं। हिसार में नागरिक अस्पताल, हांसी और आदमपुर के नागरिक भी शामिल है। साथ ही इसे रोहतक पीजीआईएमएस से भी जोड़ा गया है। ई संजीवनी को सीएचसी और पीएचसी स्तर तक  पहुंचाया गया है। जिले में सीएचसी और पीएचसी पर आने वाले मरीजों को भी इन चार हब सेंटर के जरिए विशेषज्ञ चिकित्सकों का उपचार आनलाइन मिल जाता है।

    ई संजीवनी को सीएचसी और पीएचसी स्तर तक पहुंचाने पर गांव के मरीजों को काफी लाभ मिल रहा है, क्योंकि उन्हें स्पेशलिस्ट चिकित्सको तक पहुंचने के लिए रुपए खर्च कर बसों में यात्रा कर हिसार पहुंचना पड़ता था। अब बिना यात्रा के ही उन्हें अपने गांव के स्वास्थ्य केंद्र में ही उपचार मिल पा रहा है। जिससे ग्रामीण भी खुश है क्योंकि उनका समय और पैसा दोनों बच रहा है।