Haryana News: अश्व अनुसंधान केंद्र के निदेशक से 37.10 लाख की धोखाधड़ी, केस दर्ज
हिसार में अश्व अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. तरूण भट्टाचार्य साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुए। साइबर अपराधियों ने रुपये कमाने का लालच देकर उनसे 37 लाख 10 हजार रुपये ठग लिए। डॉ. भट्टाचार्य ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने धर्मेश और विकास के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जागरण संवाददाता, हिसार। साइबर अपराधियों ने अश्व अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. तरूण भट्टाचार्य के साथ रुपये कमाने का लालच देकर 37 लाख 10 हजार रुपये की धोखाधड़ी की। इस संबंध में साइबर थाना पुलिस में शिकायत दी है। पुलिस ने धर्मेश और विकास के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है।
पुलिस को दी गई शिकायत में सिरसा रोड स्थित ज्वाला सदन के पास कोठी नंबर एक में रहने वाले डा. तरूण ने बताया कि वे अश्व अनुसंधान केंद्र में निदेशक के पद पर कार्यरत है। जून माह के पहले सप्ताह में मेरे वाट्सएप नंबर पर धर्मेश दीक्षित के मोबाइल से डी-मैट अकाउंट बिजनेस ग्रुप से जुड़ने के लिए मैसेज आया। उसके बाद धर्मेश से बातचीत हुई।
बातचीत के दौरान उसने मुझे एक एप में रुपये लगाने का सुझाव दिया। बीते सात जून को एक ग्रुप से जोड़ दिया जिसमें 80 सदस्य थे। ग्रुप एडमिन धर्मेश दीक्षित और विकास है। उसके बाद मुझे दूसरे ग्रुप से जोड़ा गया जिसमें 81 सदस्य थे। उसके बाद एक एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के लिए कहा।
फिर 23 जुलाई को 50 हजार और 31 जुलाई को 30 हजार रुपये खाते में डाले गए। बाद में एप्लीकेशन में 88 हजार 500 रुपये आए गए। फिर मेरी पत्नी के खाते और जानकारी डॉ. बलवंद्र कुमार मनुजा के खाते से उनकी तरफ से बताए गए खातों में 37 लाख 10 हजार रुपये डलवाए दिए।
जब मुझे रुपयो की जरूरत हुई तो उक्त खाता से रुपये नहीं निकले। इस बारे में जब धर्मेश दीक्षित व विकास से बात की तो उन्होंने मुझे 24 घंटे में रुपये वापस करने का आश्वासन दिया लेकिन 24 घंटे में रुपये वापस नहीं आए। बाद में धोखाधड़ी का पता चला। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है।
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