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Hisar News: मान्यता की शर्तों में उलझ गया पांच लाख स्कूली विद्यार्थियों का भविष्य, परीक्षा में बचे केवल 14 दिन

Hisar News प्रदेश के 1328 निजी स्कूलों की मान्यता शिक्षा विभाग और सरकार की तय शर्तों के जाल में उलझ कर अटक गई है। इस कारण इन स्कूलों में पढ़ने वाले पांच लाख छात्र-छात्राओं के भविष्य पर तलवार लटक गई है। अभी इन विद्यार्थियों की रेगुलर कक्षाएं लग रही हैं।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkPublished: Wed, 25 Jan 2023 02:57 PM (IST)Updated: Wed, 25 Jan 2023 02:57 PM (IST)
Hisar News: मान्यता की शर्तों में उलझ गया पांच लाख स्कूली विद्यार्थियों का भविष्य, परीक्षा में बचे केवल 14 दिन
1328 निजी स्कूलों की मान्यता शिक्षा विभाग और सरकार की तय शर्तों के जाल में उलझ कर अटक गई है।

हिसार, जागरण संवाददाता। प्रदेश के 1328 निजी स्कूलों की मान्यता शिक्षा विभाग और सरकार की तय शर्तों के जाल में उलझ कर अटक गई है। इस कारण इन स्कूलों में पढ़ने वाले पांच लाख छात्र-छात्राओं के भविष्य पर तलवार लटक गई है। अभी स्कूलों में इन विद्यार्थियों की रेगुलर कक्षाएं लग रही हैं।

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सात फरवरी से प्रैक्टिकल परीक्षा होनी हैं और 9 फरवरी से 9वीं और 11वीं की परीक्षा शुरू होगी। साथ ही 10वीं और 12वीं बोर्ड कक्षा की भी 27 फरवरी से परीक्षा शुरू होंगी। अभी तक बोर्ड ने इन विद्यार्थियों के फार्म तक नहीं भरवाएं हैं तो परीक्षा कैसे होगी। जानकारी के अनुसार प्रदेश के 1328 ऐसे निजी स्कूल हैं, जिनको मान्यता नहीं मिली। इनमें हिसार के करीब 100 स्कूल हैं।

मान्यता देने का काम शिक्षा विभाग का

इन स्कूलों में नर्सरी से 12वीं तक कक्षा में पांच लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। निजी स्कूल संघ के अनुसार बोर्ड का कहना है कि इनको मान्यता नहीं मिली। इसके बिना फार्म नहीं भरवा सकते। मगर मान्यता देने का काम शिक्षा विभाग करता है। शिक्षा विभाग ने इस बार इन स्कूलों की मान्यता नहीं बढ़ाई। निजी स्कूल संघ का कहना है कि शिक्षा विभाग 2004 से अब तक लगातार एक साल मान्यता बढ़ाता आ रहा हैं। अबकी बार नहीं बढ़ाई। पिछली बार मान्यता 31 मार्च 2022 तक दी थी।

हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ प्रदेश अध्याक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा अब इन छात्रों का भविष्य सरकार पर निर्भर है। हमारी मांग है कि इनके रेगुलर पेपर दिलवाओ। इन स्कूलों की एक साल की मान्यता बढ़ाकर छात्रों से पेपर दिलाएं। उसके बाद इन स्कूलों का स्थाई समाधान किया जाएं। 

एक साल होगा बर्बाद

यदि इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के बोर्ड ने परीक्षा के लिए फार्म नहीं भरवाएं गए तो इन छात्रों का एक साल बर्बाद होगा। बोर्ड कक्षा वाले छात्रों को अधिक नुकसान होगा। ऐसे में इन छात्रों का भविष्य खतरे में नजर आ रहा हैं। छात्रों की रेगुलर परीक्षा लेने की मांग है।

भूमि बना बड़ा कारण

जिन स्कूलों की मान्यता बढ़ी है। इनके पास सबसे बड़ी कमी भूमि है, जिसे वह पूरा नहीं कर पा रहे। कारण है कि इन स्कूल 2004 से पहले के बने हुए थे। अब स्कूल के पास किसी ने मकान बना लिए किसी ने निर्माण कर लिया। ऐसे में इनके पास जगह ही नहीं है।


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