नोटबंदी में नोट न बदलने पर हाइकोर्ट का अहम फैसला, रिजर्व बैंक याचिकाकर्ता को देगा नौ लाख रुपये की नई करंसी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ऐसे ही एक मामले की सुनवाई करते हुए रिजर्व बैंक को याचिकाकर्ता के नौ लाख रुपये वापस करने का फैसला सुनाया है। इसके साथ ही यह धनराशि केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक को चार सप्ताह के भीतर बदलनी होगी।
जागरण संवाददाता, हिसार। नोटबंदी के दौरान सरकार ने 31 मार्च 2017 तक का समय दिया था। मगर फिर भी लोग अपने रुपये नहीं बदलवा पाए थे और वह रुपये 1 अप्रैल से कागज के टुकड़े रह गए थे। मगर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ऐसे ही एक मामले की सुनवाई करते हुए रिजर्व बैंक को याचिकाकर्ता के नौ लाख रुपये वापस करने का फैसला सुनाया है। इसके साथ ही यह धनराशि केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक को चार सप्ताह के भीतर बदलनी होगी। याचिका नोट बदलने के आखिरी दिन 31 मार्च 2017 को हाईकोर्ट में दायर की गई थी।
पुलिस ने 9 लाख रुपये किए थे सीज, उसी को लेकर शुरू हुई याचिका
हिसार निवासी अधिवक्ता रोज गुप्ता ने बताया कि याचिकाकर्ता नितिन मोदी फतेहाबाद के निवासी हैं। नोट बंदी के दौरान वह नौ लाख रुपये लेकर रतिया थाना क्षेत्र के तहत कहीं जा रहे थे। तभी पुलिस ने रोककर उनकी धनराशि को सीज कर लिया। इसके बाद उन्हें धनराशि मिल गई मगर यहीं से नोट बदलवाने की जिद्दोजहद शुरू हुई। 25 मार्च 2017 को नितिन को यह धनराशि मिली, जिसके बाद वह रिजर्व बैंक चंडीगढ़ में धनराशि बदलवाने के लिए पहुंचे।
यहां पर उनसे कहा कि आप आयकर विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर आएं। इसके बाद नितिन प्रमाणपत्र लेने को रोहतक और दिल्ली आयकर विभाग के पास गए। उन्हें प्रमाण पत्र मिला और वह चंडीगढ़ रिजर्व बैंक के पास 31 मार्च 2017 को पहुंचे। यह दिन नोट बदलवाने के लिए आखिरी दिन था। मगर उनके नोट रिजर्व बैंक ने नहीं बदले।
31 मार्च 2017 को दायर की याचिका
अधिवक्ता रोज गुप्ता ने बताया कि नितिन ने 31 मार्च को ही हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसके बाद 6 अप्रैल 2017 को इस याचिका पर सुनिवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक से जवाब मांगा। सभी दलीलों और जवाबों को सुनने के बाद अब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के हक में फैसला सुनाया है। जिसमें केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक को चार सप्ताह के भीतर 9 लाख रुपये की धनराशि बदलने के आदेश दिए गए हैं।