Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सावधान! हरियाणा में आज गिरेंगे ओले, इन जिलों को लिए भारी बारिश का अलर्ट, किसानों पर आफत

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 08:12 AM (IST)

    हरियाणा के कई जिलों में बारिश हुई जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। फतेहाबाद हिसार सिरसा समेत 16 जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग ने पंचकूला अंबाला और यमुनानगर में ओलावृष्टि की चेतावनी दी है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण फतेहाबाद व हिसार में तेज वर्षा हुई। सिरसा के जमाल गांव में ओलावृष्टि से कपास की फसल को नुकसान हुआ है।

    Hero Image
    हरियाणा में आज भारी बारिश का अलर्ट (फाइल फोटो)

    जागरण टीम, हिसार। राज्य के अधिकांश जिलों में सोमवार को वर्षा हुई, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ। फतेहाबाद, हिसार, सिरसा, रोहतक, अंबाला, पंचकूला, पानीपत, गुरुग्राम सहित 16 जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई।

    वहीं मौसम विभाग ने पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर में मंगलवार के लिए ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है। बहादुरगढ़ में तेज हवा और वर्षा के कारण एक मकान पर पेड़ गिर गया, हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई। क्षेत्र में कई जगहों पर बिजली आपूर्ति भी बाधित रही।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिसार के हांसी व नारनौंद क्षेत्र में कई जगह रोड पर पेड़ गिरे हैं। हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि सिरसा की दिशा से आए पश्चिमी विक्षोभ के कारण फतेहाबाद व हिसार में तेज वर्षा हुई। यह परिवर्तन पश्चिमी विक्षोभ, बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र और राजस्थान के ऊपर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण हुआ है।

    इन मौसमी सिस्टमों के चलते नमी युक्त हवाएं उत्तर-पश्चिम भारत की ओर बढ़ रही हैं। इससे राज्य के अधिकतर हिस्सों में गरज-चमक के साथ वर्षा की संभावना है। सिरसा के जमाल गांव में हल्की ओलावृष्टि से कपास की फसल को नुकसान हुआ है।

    सामान्य से अधिक वर्षा हुई है

    राज्य में 1 जून से 30 सितंबर तक प्रदेश में इस मानसून सीजन में एमएम वर्षा दर्ज की गई, जबकि औसत 426 एमएम है। 8 अक्टूबर से तापमान में गिरावट आएगी

    प्रदेश के इन जिलों में आज वर्षा की संभावना यलो अलर्ट: पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, सोनीपत, पानीपत, जींद, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक

    इन जिलों में अत्याधिक वर्षा का अलर्ट: फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, सिरसा

    इसके बाद 24 सितंबर को इसकी पूरी तरह से वापसी हो गई। इस बार किसी भी जिले में वर्षा की कमी खासतौर पर भारी कमी नहीं रही। छह जिलों में सबसे अधिक, नौ जिलों में अधिक और सात जिलों में सामान्य वर्षा दर्ज की गई।

    यमुनानगर में सबसे ज्यादा बारिश 1116.9 एमएम दर्ज हुई। प्रदेश में अब तक सबसे ज्यादा मानसूनी बारिश 1988 में हुई थी, जब राज्य में 1108.8 एमएम वर्षा दर्ज हुई थी। वहीं, सबसे कम बारिश 1918 में सिर्फ 196.2 एमएम रही थी।