Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हरियाणा ने तय की देश में खेती किसानी की नई राह

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 23 Dec 2020 06:22 AM (IST)

    जागरण संवादाता हिसार देश में जब समृद्ध किसानों की बात आती है तो पंजाब और हरियाणा दो

    Hero Image
    हरियाणा ने तय की देश में खेती किसानी की नई राह

    जागरण संवादाता, हिसार :

    देश में जब समृद्ध किसानों की बात आती है तो पंजाब और हरियाणा दो राज्यों का लोगों की जुबां पर नाम आता है। पंजाब से अलग होने के बाद तो हरियाणा ने देश में खेती में किसानों ने एक अलग ही राह तय की। जब प्रदेश संयुक्त पंजाब से अलग हुआ तब हरियाणा प्रदेश का वर्ष 1966-67 में खाद्यान उत्पादन केवल 2.59 टन था। इसके बाद वर्ष 2000-2001 में बढ़कर 13.29 टन हो गया और अब वर्ष 2019-20 में यह बढ़कर 17.86 टन है। इन उन्नति के आंकड़ों में किसानों की मेहनत और कृषि शिक्षण संस्थानों का बड़ा योगदान रहा है। इन शिक्षण संस्थानों में भी प्रदेश के एकमात्र चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के विज्ञानियों का एक लंबा इतिहास रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    -------------------

    इस रणनीति पर प्रदेश का किसान बना उन्नत किसान

    विज्ञानियों द्वारा खाद्यान्न की जरूरत को समझते हुए हरित क्रांति के तहत अधिक पैदावार वाली फसलों की किस्में विकसित करना, नई-नई तकनीकें इजाद करना, दूरगामी रोडमैप तैयार करने जैसी रणनीति बनाई गई। प्रदेश क्षेत्रफल की ²ष्टि से अन्य प्रदेशों की तुलना में बहुत ही छोटा है मगर देश के खाद्यान भण्डारण व फसल उत्पादन में अग्रणी प्रदेशों में से एक है।

    ------------

    खाद्यान्न भंडारण में प्रदेश को किसानों किसानों ने बनाया अव्वल

    देश में प्रदेश का कुल केंद्रीय खाद्यान्न भंडारण- कुल भण्डारण का 16 फीसद

    गेहूं का भंडारण- 9.3 मिलियन टन

    चावल का भंडारण- 4.2 मिलियन टन

    - गेहूं के प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता में देश में हरियाणा प्रथम स्थान पर है।

    - अकेला हरियाणा देश में 60 फीसद बासमति का उत्पादन करता है।

    - कुल चावल उत्पादन में हरियाणा दूसरे स्थान पर है।

    - पिछले 20 वर्षों में गेहूं व चावल के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।

    -------------------

    पहले हमारी यह थी स्थिति

    वर्ष 1966-67 में प्रदेश में गेहूं का उत्पादन- 14.25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

    वर्ष 2000-01 में प्रदेश में गेहूं का उत्पादन- 41.06 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

    वर्ष 2019-20 में प्रदेश में गेहूं का उत्पादन- 46.87 क्विंटल प्रति हेक्टेयर देश में औसतन गेहूं का उत्पादन- 34.21 क्विंटल प्रति हेक्टेयर आंका

    जबकि प्रदेश में गेहूं का औसतन उत्पादन 46.87 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

    --------------

    एचएयू की उन्नत किस्में

    इसके साथ ही एचएयू के विज्ञानी गेहूं की डब्ल्यूएच 1187, डब्ल्यूएच 1105 जैसी किस्में दे चुके हैं। जिनका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 61.2 क्विटल से 71.6 क्विटल तक आंका गया है। अब तक विश्वविद्यालय द्वारा गेहूं की 23 किस्मों को विकसित किया गया है जिनमें 14 किस्में राष्ट्रीय स्तर पर जबकि 9 किस्में प्रदेश स्तर के किसानों के लिए जारी की गई हैं। इसी प्रकार बाजरे की 21, जौ की 8 किस्में, मक्का की 15, दलहन की 36, तिलहन की 29, कपास की 24, चारा की 34, गन्ने की 8, औषधीय एवं सुगंधित पौधों की 8, सब्जियों की 27 और बागवानी की 4 किस्में विकसित की हैं।

    ----------------------

    चावल उत्पादन में भी हुई रिकॉर्ड बढ़ोतरी

    इसी प्रकार वर्ष 1966-67 में प्रदेश में चावल का उत्पादन मात्र 11.61 क्विटल प्रति हेक्टेयर था। जो वर्ष 2000-01 में 25.57 क्विटल प्रति हेक्टेयर और वर्ष 2019-20 में 33.34 क्विटल प्रति हेक्टेयर हो गया है। देश में औसतन चावल का उत्पादन 27.05 क्विटल प्रति हेक्टेयर है जबकि प्रदेश में चावल का औसतन उत्पादन 33.34 क्विटल प्रति हेक्टेयर है। अब तक विश्वविद्यालय द्वारा चावल की 12 किस्में विकसित की गई हैं जिनमें 11 किस्मों को प्रदेश व 1 किस्म को देशभर के लिए जारी किया गया है।

    comedy show banner
    comedy show banner