सीजफायर के बाद हरियाणा में हटीं बंदिशें, सोमवार से खुल जाएंगे स्कूल-कॉलेज; ब्लैक आउट के आदेश भी लिए गए वापस
भारत-पाकिस्तान में सीजफायर के बाद हरियाणा में हालात सामान्य हो रहे हैं। प्रदेश में सोमवार से सभी स्कूल-कॉलेज खुल जाएंगे। पानीपत यमुनानगर समेत कई जिलों में ब्लैक आउट के आदेश वापस लिए गए। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की और स्थिति को नियंत्रण में बताया। अफवाहों पर ध्यान न देने और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। भारत-पाकिस्तान में सीजफायर की घोषणा के बाद हरियाणा में स्थिति तेजी से सामान्य होने लगी है। कई बंदिशों को खत्म कर दिया गया है। सोमवार से प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेज खोल दिए जाएंगे। शनिवार को पानीपत, यमुनानगर, पंचकूला, करनाल, हिसार और भिवानी में ब्लैक आउट के आदेश वापस ले लिए गए।
इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सुबह मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और गृह सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा सहित शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों पर फीडबैक लिया।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उठाए गए कड़े कदम
सभी जिलों के उपायुक्त, पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस बैठक से जुड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन को घबराने की आवश्यकता नहीं है। स्थिति नियंत्रण में है। सिर्फ एहतियात के तौर पर कदम उठाए जा रहे हैं। खाद्य सामग्री, दवाइयां, ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है।
आमजन किसी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें। सरकार हर स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त होगी कार्रवाई
बैठक में विभागों के बीच समन्वय स्थापित करते हुए इमरजेंसी रिस्पांस और एहतियाती उपायों को मजबूत करने तथा आपात स्थिति या आपदाओं के मामले में प्रभावी प्रतिक्रिया तंत्र सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। किसी प्रकार की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पोर्टल विकसित किया जाएगा जिस पर नागरिक और भूतपूर्व सैनिक वालंटियर्स के तौर पर अपना पंजीकरण करवा सकेंगे। पोर्टल पर पंजीकृत व्यक्ति ड्राइवर, डॉक्टर या अन्य विशेषज्ञता के अनुसार अपनी सेवाएं दे सकेंगे। प्रदेशभर में संचालित 560 सरकारी और 600 निजी एंबुलेंस की मैपिंग की जाएगी। पांच हजार से अधिक आबादी वाले गांवों में पंचायतों के सहयोग से एंबुलेंस सेवा सुनिश्चित की जाएगी।
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