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    Haryana Politics: मंत्री बनने की कसक रह गई अधूरी, BJP विधायक का झलका हुड्डा प्रेम, बोले- चुनाव में जो कहा वो नहीं कहना था

    Updated: Sun, 10 Nov 2024 10:43 PM (IST)

    नारनौंद से विधायक दादा रामकुमार गौतम ने एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के लिए अपने प्रेम का इजहार किया है। उन्होंने कहा कि वह हुड्डा से नफरत नहीं करते और उनकी रगों में देशभक्ति का खून है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि भाजपा को सत्ता में लाने के लिए उन्हें हुड्डा के खिलाफ कई ऐसी बातें कहनी पड़ीं जो उन्हें नहीं कहनी चाहिए थी।

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    BJP विधायक का झलका हुड्डा प्रेम, बोले- चुनाव में जो कहा वो नहीं कहना था। फाइल फोटो

    संवाद सहयोगी, नारनौंद (हिसार)। सफीदों से विधायक दादा रामकुमार गौतम की बातों में हुड्डा प्रेम एक बार फिर झलक आया। इस बार भी मंत्री बनने की कसक अधूरी रह गई। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा से मैं नफरत नहीं करता। भूपेंद्र हुड्डा अच्छे इंसान हैं। उसकी रगों में देश भक्ति का खून है लेकिन अगर मैं उसके खिलाफ नहीं बोलता तो भाजपा सत्ता में नहीं आती।

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    उन्होंने कहा कि मुझे दो जमा दो का पहाड़ा अपनाना पड़ा और मैंने उसके खिलाफ बहुत सी ऐसी बातें कही जो मुझे नहीं कहनी चाहिए थी। उनको बुरा भी लगा होगा। मैंने बहुत कुछ बातें उनके बारे में कही। उन्होंने कहा कि मैंने जनता को समझाया कि भाजपा सत्ता में आने से आमजन को क्या-क्या फायदा होगा और भूपेंद्र हुड्डा यदि सत्ता में आ गया तो आम जनता को क्या नुकसान होगा।

    इस वजह से बीजेपी सत्ता में आई

    मैंने काफी कुछ चुनाव के दौरान कहा जो मुझे नहीं कहना चाहिए था। उन्होंने भाजपा नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा का कोई भी नेता यदि यह सोचता हो कि मेरे कारण पार्टी सत्ता में आई है। तो यह उनकी भूल है। भाजपा की 30- 32 सीट तक आ सकती थी।

    उन्होंने कहा कि यदि नायब सैनी को मुख्यमंत्री नहीं बनाते तो बीजेपी कभी भी सत्ता में वापसी नहीं करती। उन्होंने कहा कि नायब सैनी ट्रंप कार्ड था जिसके कारण बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई है।

    'नारनौंद का मुझ पर बहुत कर्ज'

    उन्होंने कहा कि नारनौंद हलके का मुझ पर बहुत कर्ज है। मैं कर्ज उतार नहीं सका यदि मुझे बड़ी कुर्सी मिलती तो मैं कर्ज उतार सकता था लेकिन मुझे तो छोटी कुर्सी भी नहीं मिली।

    दादा गौतम पहली बार भाजपा से ही विधायक बने थे। कुछ समय बाद ही हुड्डा का गुणगान करने लगे और उन्होंने अगला चुनाव कांग्रेस पार्टी से लड़ा था।

    दूसरी बार जजपा से विधायक बने थे। मंत्री न बनने से लगातार दुष्यंत चौटाला के खिलाफ बयानबाजी करते रहे। तीसरी बार भाजपा पार्टी से फिर विधायक बने हैं और उनके भाषण में हुड्डा प्रेम साफ झलकता नजर आ रहा है। रामकुमार गौतम जेजेपी में जब थे तब दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधते रहते थे। 

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