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    Haryana Heavy Rain: वर्षा और बाढ़ से संकट में जनजीवन, खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही घग्गर

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 10:25 PM (IST)

    हरियाणा में भारी बारिश के कारण हिसार पानीपत समेत कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर है। यमुनानगर सिरसा फतेहाबाद झज्जर रोहतक भिवानी आदि जिलों में हालात चिंताजनक हैं। घग्गर नदी में जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में पानी भर गया है और स्कूलों को बंद कर दिया गया है। यमुना नदी भी उफान पर है जिससे तटबंधों पर लोगों ने डेरा डाल रखा है।

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    Haryana Heavy Rain: वर्षा और बाढ़ से संकट में जनजीवन। फोटो जागरण

    जागरण टीम, हिसार/पानीपत। हरियाणा में भारी वर्षा के कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। जलभराव से जनजीवन प्रभावित हुआ है। प्रशासन ने राहत कार्यों के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।

    यमुनानगर, सिरसा, फतेहाबाद, झज्जर, रोहतक, भिवानी और अन्य जिलों में बाढ़ के कारण स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। सिरसा जिले में घग्गर नदी में पिछले 24 घंटों में 5000 क्यूसेक पानी बढ़ा है, जिससे नदी खतरे के निशान से 8000 क्यूसेक ऊपर बह रही है।

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    घग्गर से निकलने वाली जीबीएसएम धोतड़ और खारिया के बीच की चैनल टूट गई है। इसके कारण 1000 एकड़ भूमि जलमग्न हो गई है। गुहलाचीका से 44 हजार क्यूसेक पानी सिरसा की ओर छोड़ा जा रहा है।

    फतेहाबाद में भी घग्गर नदी का जलस्तर बढ़ने से भूना, जाखल और टोहाना के स्कूल तीन दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं। जाखल की नई बस्ती निवासी राजेश कुमार उर्फ बबलू ने घग्गर नदी में छलांग लगाकर अपनी जान गंवा दी।

    झज्जर जिले में भी भारी बारिश से स्थिति गंभीर है। रोहतक जिले में जलभराव से निगाणा और आंवल के सरकारी स्कूलों को दूसरी इमारतों में शिफ्ट किया गया है। बहु अकबरपुर में तालाब ओवरफ्लो होने से एक प्राइवेट स्कूल बस गड्ढे में गिर गई, जिससे बच्चों को दूसरे रास्ते से स्कूल भेजा गया।

    भिवानी, बवानीखेड़ा और तोशाम में भी जलभराव की स्थिति गंभीर है। भिवानी और बवानीखेड़ा के स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है।

    कुरुक्षेत्र में भी बाढ़ जैसे हालात के चलते शाहाबाद और पिहोवा में स्कूल, कालेज और आंगनबाड़ी की छुट्टी घोषित की गई है। प्रशासन ने मारकंडा नदी के जलस्तर पर नजर रखी हुई है। पानीपत में भी जलभराव की स्थिति गंभीर है।

    जिले में अब तक 496 एमएम वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य से 35 प्रतिशत अधिक है। यमुना नदी भी उफान पर है, जिससे तटबंधों पर लोगों ने डेरा डाल रखा है।

    पत्थरगढ़ में तटबंध में रिसाव शुरू हुआ है, जिससे ग्रामीणों ने अपने स्तर पर स्थिति संभाली है। कैथल में घग्गर नदी का जलस्तर 21.7 फीट पहुंच गया है, जो खतरे के निशान के करीब है। यमुनानगर में हथनीकुड बैराज पर पानी के बहाव में कमी आई है।

    मंगलवार अलसुबह करीब दो बजे दो लाख 23 हजार 729 क्यूसेक पानी का बहाव था। उसके बाद बहाव लगातार घटता गया। शाम करीब छह बजे एक लाख 42 हजार रह गया।

    सोम नदी में 2313 क्यूसेक बहाव रहा है। सोमवार को बैराज से बहा 3,29,313 क्यूसेक पानी खेतों व आबादी में फैलता चला गया। करीब 150 गांवों में प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी करवा दिया गया है।

    कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 6,740 एकड़ में वर्षा के कारण नुकसान हुआ है। उधर, यमुना में पानी का बहाव कम जरूर हुआ है, लेकिन कटाव बढ़ गया है। सैकड़ों एकड़ में खड़ी धान, गन्ना व पापुलर की फसल यमुना में समा गई है।