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    Haryana Weather: हरियाणा में नदियां उफान पर होने से कई गांव जलमग्न, 18 जिलों में बाढ़ की स्थिति

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 07:58 AM (IST)

    हरियाणा में नदियां उफान पर हैं यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज के गेट खुले रहने से जलस्तर बढ़ गया है। दिल्ली के पास बहादुरगढ़ में मुंगेशपुर ड्रेन के ओवरफ्लो होने से बाढ़ जैसे हालात हैं लोगों को नाव से निकाला जा रहा है। कुरुक्षेत्र सिरसा और अंबाला में भी नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई गांव और कॉलोनियां जलमग्न हो गई हैं।

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    अंबाला कैंट टांगरी नदी किनारे बसी कॉलोनियों में भरा नदी का पानी

    जागरण टीम l हिसार/ पानीपत। हरियाणा में नदियां फिर से उफान पर हैं। यमुनानगर में यमुना पर बने हथनीकुंड बैराज के गेट तीसरे दिन भी खुले हुए हैं। बुधवार रात 11 बजे यहां 1 लाख 68 हजार 783 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया।

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    दूसरी ओर, दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ में स्थिति बेहद संवेदनशील बन गई है। यहां ओवरफ्लो होकर तटबंध लांघ चुकी मुंगेशपुर ड्रेन कहर बरपा रही है। पानी आबादी में घुस गया है। बुधवार सुबह यहां एसडीआरएफ की तैनाती के बाद देर शाम हिसार छावनी से सेना की टुकड़ी को मदद के लिए बुलाया गया है। लोगों को घरों से नाव से रेस्क्यू किया जा रहा है।

    वहीं बुधवार को कुरुक्षेत्र में घग्गर और मारकंडा नदियों का जलस्तर बढ़ गया, जिससे पिहोवा के 2 गांवों में घग्गर और 10 गांवों में मारकंडा का पानी घुस गया। सिरसा में भी घग्गर में दरार पड़ने से खेतों में पानी भर गया।

    अंबाला में टांगरी नदी भी ओवरफ्लो हो गई, जिससे आसपास की 4-5 कॉलोनियों में जलभराव हो गया। कुरुक्षेत्र में राक्षी नदी में दरार पड़ने से तटबंध और स्कूल की दीवार टूट गई। इस कारण पानी आबादी वाले इलाकों में प्रवेश कर गया। वहीं, हिसार, पंचकूला, अंबाला और रोहतक में आज स्कूल पूर्ण रूप से बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। प्रदेश में स्थिति ऐसी है कि 18 जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। यमुनानगर के हथनी कुंड बैराज से लेकर दिल्ली सीमा तक के 100 गांव में हाई अलर्ट घोषित किया गया है।

    चार नदियां खतरे के निशान से पार हुईं घग्गर तटबंध से महज डेढ़ फीट नीचे उफन रही हैं। प्रदेश के चार जिलों में आज स्कूल बंद रहेंगे। आइआरबी को आपदा बचाव का जिम्मा दिया गया है। मौसम विभाग का आज 12 जिलों में वर्षा का रेड अलर्ट घोषित किया है। पूरे प्रदेश में बूंदाबांदी संभावित है।

    18 जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। हथनी कुंड से दिल्ली तक के 100 गांवों में हाई अलर्ट की घोषणा की गई है। हथनीकुंड बैराज पर एसडीआरएफ को और बहादुरगढ़ में ड्रेन संभालने के लिए हिसार से सेना बुलाई गई है। 

    हथनीकुंड बैराज पर दिन भर में यमुना ने कई रूप दिखाए। बुधवार तड़के जलस्तर 1,83,837 क्यूसेक पहुंचा। फिर धीरे-धीरे घटा। कई घंटे तक अच्छी धूप खिली तो लोगों को लगा राहत आएगी। लेकिन शाम को ये फिर 1,74,442 क्यूसेक पहुंच गया।

    खतरे के निशान से 23 हजार क्यूसेक ऊपर बह रही अंबाला में टांगरी नदी ओवरफ्लो हो गई है। शहर की तीन कॉलोनियों में दो से तीन फीट पानी भर गया है। मौके पर एसडीआरएफ तैनात कर दी गई है। नदी में रात को 43 हजार क्यूसेक पानी दर्ज हुआ है। ये नदी के डेंजर लेवल से 23 हजार क्यूसेक ज्यादा है। वहीं मारकंडा की सहायक नदी राक्षी ने कुरुक्षेत्र के लाडवा में हालात बिगाड़ दिए हैं। तटबंध टूटने से कई कॉलोनी में पानी घुसा है।

    घग्गर नदी के कारण अंबाला शहर में बाढ़ आने का खतरा बना है। यहां पानी 25,200 क्यूसेक के डेंजर लेवल को पार कर गया है। वहीं कैथल में घग्गर का जलस्तर साढ़े 22 फीट के करीब है, जो खतरे के निशान से आधा फीट कम है। सिरसा में तटबंध में दरार आई है। यहां नदी तटबंध से डेढ़ फीट नीचे बह रही है।

    खतरे के निशान से 11 हजार क्यूसेक ऊपर अंबाला के मुलाना में मारकंडा बुधवार रात 10 बजे 56, 500 क्यूसेक का लेवल पार कर गई। ये खतरे के निशान से 11 हजार क्यूसेक ज्यादा है। अभी काला अंब से और पानी पहुंचना है। वहां से करीब 32 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। अंबाला के मनमोहन नगर में प्रशासन ने रात को ही नाव पहुंचानी आरंभ कर दी हैं।

    फरीदाबाद, गुरुग्राम, बहादुरगढ़, सोनीपत, करनाल, पानीपत में आरेंज अलर्ट घोषत किया गया है। वहीं  पलवल, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, भिवानी, झज्जर, रोहतक, जींद, कैथल, अंबाला, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, भिवानी, रेवाड़ी में येलो अलर्ट है। 

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