Haryana Weather: हरियाणा में भारी वर्षा से बाढ़ जैसे हालात, हिसार-घग्गर ड्रेन टूटने से जलभराव
हरियाणा में भारी बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। हिसार-घग्गर ड्रेन टूटने से जलभराव हो गया है जिससे लोगों को पलायन करना पड़ा है। यमुना नदी का जल स्तर भी बढ़ गया है और कई गांवों में पानी घुस गया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी हैं।

जागरण टीम, हिसार/ पानीपत। प्रदेश में हाल ही में हुई वर्षा ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। लगातार हो रही वर्षा से हिसार-घग्गर ड्रेन भर गई है। हिसार में दो स्थानों पर ड्रेन टूट गईं। जबकि बालसमंद के पास माइनर भी टूट गई है। सोमवार को प्रदेश के 19 जिलों में वर्षा हुई। वहीं, हिसार में पातन गांव और घिराय के पास ड्रेन टूट गई है, जिससे जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार आने वाले दिनों में तेज वर्षा से जलभराव की स्थिति और बढ़ सकती है। मानसून के दौरान हो रही लगातार वर्षा से शहर की सड़कें जलमग्न हो गई हैं। मुलाना हलका के गांव गोला में बेगना नदी का पानी घुस आया है। साहा में छत गिरने से तीन लोग घायल हुए हैं, जिनका उपचार चल रहा है। अंबाला में सोमवार को 39 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई।
यमुनानगर के कैचमेंट एरिया में हो रही वर्षा से यमुना नदी का जल बहाव सीजन के उच्चतम स्तर 3,29,313 क्यूसेक पर पहुंच गया। जींद में रुक-रुक कर बूंदाबांदी हुई, जिसमें शाम चार बजे तक 3.5 एमएम औसत वर्षा दर्ज की गई। कुरुक्षेत्र में भी बूंदाबांदी का दौर चलता रहा। करनाल में भी वर्षा का सिलसिला जारी रहा, जिसमें पिछले 24 घंटे में 14.6 एमएम वर्षा हुई। पानीपत में 1 एमएम जबकि कैथल में 5 एमएम वर्षा दर्ज की गई। घग्गर नदी का जल स्तर सुबह 21.5 फीट पहुंच गया था, लेकिन शाम को यह 20.9 फीट पर आ गया।
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता पिछले कई दिन से पंजाब के बाढ़ आपदाग्रस्त क्षेत्रों में राशन, पानी और अन्य सामान पहुंचा रहे हैं। पार्टी पंजाब के किसानों, कामगारों, काश्तकारों समेत सभी पीड़ितों की हर तरह से मदद करेगी।
डीसी-एसडीएम फील्ड में, सीएम लगातार ले रहे अपडेट मुख्यमंत्री नायब सैनी के मीडिया सचिव प्रवीण आत्रेय ने कहा कि प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। सोमवार को बाढ़ संभावित जिलों के उपायुक्त, एसडीएम के साथ सिंचाई व स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारी पूरा दिन फील्ड में रहे। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी लगातार रिपोर्ट लेकर मुख्यमंत्री को अवगत करवा रहे हैं।
सोम नदी में फिर उफान से छछरौली उपमंडल के गांव रूकाली और आसपास के ग्रामीण दहशत में हैं। दो दिन पहले सोम नदी का जलबहाव 23 हजार क्यूसेक था। सोमवार को 5140 क्यूसेक रहा। इधर यमुनानगर के रादौर में वर्षा के चलते गांव फतेहगढ़ में एक कच्चे मकान की छत गिर गई।
गनीमत रही कि उस समय घर पर कोई मौजूद नहीं था। पांच गांवों की कृषि योग्य भूमि कटाव होकर नदी में समा रही है। सबसे अधिक खतरा रूकाली गांव में है। यहां श्मशान घाट भी सोम नदी के प्रकोप की भेंट चढ़ गया। देखते ही देखते श्मशान घाट भर-भराकर नदी में विलीन हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि गांव की उपजाऊ जमीन लगातार नदी में समा रही है। सिंचाई विभाग के एक्सईएन विनोद कुमार ने बताया कि विभाग लगातार किसानों की जमीन बचाने का प्रयास कर रहा है।
शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित आधा दर्जन गांव बाढ़ जैसे हालात का सामना कर रहे हैं। हिसार-घग्गर ड्रेन टूटने के बाद अब बासड़ा माइनर भी टूट गई है। हजारों एकड़ खेतों में जलभराव हुआ है। ढाणियों से लोगों को सुरक्षित जगह के लिए पलायन करना पड़ा है। तस्वीर गांव शाहपुर के खेतों से ट्रैक्टर-ट्राली में सामान लेकर लौटते किसान परिवार की है। सैंकड़ों परिवारों ने पशु भी अपने रिश्तेदारी में भेज दिए हैं।
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