हरियाणा की देसी नस्ल की गाय ने इतने लीटर दूध देकर बनाया राष्ट्रीय रिकॉर्ड
लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का दावा देश में देसी नस्ल की 20.6 किलोग्राम दूध देने वाली पहली गाय हरियाणा के हिसार में।
जेएनएन, हिसार। भारत में दुग्ध व्यव्साय लाखों लोगों को रोजगार देता है। इसमें ऐसे पशुओं की मांग ज्यादा रहती है जो ज्यादा दूध देती हैं। एेसे में लोग ज्यादा दूध के लिए विदेशी नस्ल की गाय को ज्यादा तवज्जो देते हैं, लेकिन अब तकनीक के प्रयोग से देसी नस्ल की गाय भी विदेशी नस्ल की गायों को मात दे रही है। लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार के पशु अनुवांशिक एवं प्रजनन विभाग की हरियाणा नस्ल की गाय ने 20.6 किलोग्राम दूध देकर इस तरह की देसी नस्ल की गाय में राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया है।
बता दें कि अधिकतर हरियाणा नस्ल की गाय अधिकतम 10 से 12 किलोग्राम ही दूध दे पाती हैं। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों एवं उनकी टीम को पशुओं के बेहतर रखरखाव के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति ने उन्हें बधाई दी। बता दें कि पिछले वर्ष लुवास के इस पशु प्रजनन एवं अनुवांशिक विज्ञान विभाग को भारत सरकार ने देसी नस्ल की गायों मे सुधार के लिए उत्कृष्ट योगदान देने के लिए राष्ट्रीय कामधेनू पुरस्कार से नवाजा था।
लगातार पांच दिन दिया 19.8 लीटर से ज्यादा दूध
लुवास के कुलपति डा. गुरदियाल सिंह ने बताया कि इस देसी नस्ल की हरियाणा गाय ने अपने चौथे ब्यांत में लगातार पांच दिन 19.8 किलोग्राम से ज्यादा दूध देकर अपनी श्रेणी में नया राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया है। इस गाय ने अपने पिछले ब्यांत में 17.2 किलोग्राम अधिकतम दूध देकर कुल ब्यांत काल में 3281.4 किलोग्राम दूध दिया था। इस गाय ने 25 दिन पहले बछड़े को जन्म दिया था। शनिवार को इसने 20 किलो 600 ग्राम दूध देकर राष्ट्रीय रिकार्ड बना दिया। इससे पहले महेंद्रगढ़ जिले में हरियाणा नस्ल की एक गाय ने 18.5 किलोग्राम और कैथल में एक किसान की इसी नस्ल की गाय ने 19 किलो दूध देकर राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया था।
अगले वर्ष मिलेगा इसके सांड का सीमेन
पशु अनुवांशिक एवं प्रजनन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. अभय सिहं यादव ने बताया कि अगले साल से विभाग इस गाय द्वारा पैदा किए हुए सांड का सीमेन पशुपालकों को नस्ल सुधार हेतु देना शुरू कर देगा। यह विभाग द्वारा पिछले 40 वर्षों से चलाए जा रहे उत्तम चयन और रख-रखाव का परिणाम है कि आज देसी हरियाणा नस्ल की गाय रिकार्ड दुग्ध उत्पादन कर रही है। रिकार्ड तोडऩे वाली गाय 8वीं जनरेशन है, जिसका विभाग द्वारा रख-रखाव किया जा रहा है।
बढ़ाई जाएगी इस तरह के पशुओं की संख्या
अनुसंधान निदेशक डा. प्रवीन गोयल, पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. दिवाकर शर्मा ने 'हरियाणा नस्ल देसी गाय नस्ल सुधार कार्यक्रम के तहत चल रहे अनुसंधान की उपलब्धि पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह अच्छा दूध देने वाले देसी नस्ल के हरियाणा में ओर अधिक पशु तैयार किए जाएंगे, ताकि प्रदेश के किसान देसी नस्ल के पशुओं से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकें।'
ज्ञात हो कि इस गाय की पहली ब्यांत पर आयु 1014 दिन (लगभग 33.8 महीने) है और प्रजनन संबंधी गुण जैसे कि औसत ब्यांत काल 355 दिन तथा गर्भाधान हेतु सेवा की अवधि 70 दिन है। हरियाणा नस्ल कि इस विशेष गाय ने अपने पिछले ब्यांत काल में 3281.0 किलोग्राम दूध देकर अपनी श्रेणी के पशु में अपने सर्वोतम स्थान बनाया था। इस गाय के दो बछड़े तथा दो बछडिय़ां हैं। इस गाय की मां भी 3001 किलोग्राम दूध दूसरे बयांत में देकर लगभग 8 ब्यांतकाल पूरे कर चुकी है।
हरियाणा गाय की विशेषताएं
- कम से कम बीमार होती है, यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है।
- 45 डिग्री से अधिक तापमान पर भी गाय को बहुत अधिक फर्क नहीं पड़ता।
- सूखा चारा खाकर भी यह गाय स्वयं के साथ दूध की मात्रा को मेंटेन रख सकती है।
- अधिक गर्मी में इसका दूध बढऩे लगता है, जबकि अन्य का घटता है।
- पहले अच्छे बैल लेने के लिए इस गाय को रखा जाता था, अब ए टू दूध के कारण।