Haryana Air Pollution: दीपावली के बाद से दादरी जिला रेड जोन में, एक्यूआइ चल रहा 300 से पार
दादरी जिले में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंचा हुआ है। दीपावली पर्व के बाद से दादरी जिला प्रदूषण के रेड जोन में है। तापमान में गिरावट तथा हवा में नमी व हवा की गति कम होने के कारण धुआं वायुमंडल की ऊपरी परत में नहीं पहुंच पा रहा।

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : नवंबर माह की शुरूआत से ही दादरी जिले में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंचा हुआ है। दीपावली पर्व के बाद से दादरी जिला प्रदूषण के रेड जोन में है। तापमान में गिरावट तथा हवा में नमी व हवा की गति कम होने के कारण धुआं वायुमंडल की ऊपरी परत में नहीं पहुंच पा रहा है। जिसके कारण पिछले कुछ दिनों से जिला स्माग की चादर में ही लिपटा हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार सोमवार को दादरी जिले में एयर क्वालिटी इंडेक्स, एक्यूआइ 323 दर्ज किया गया। जो खराब की श्रेणी में है। वहीं पिछले करीब एक सप्ताह के दौरान एक्यूआइ के आंकड़ें में बदलाव हो रहे हैं।
लेकिन यह आंकड़ा 300 से कम नहीं हो रहा है। दोपहर के बजाय शाम, रात तथा सुबह के समय तो हालात और अधिक विकट बन रहे हैं। क्षेत्र में धुएं की एक परत आसानी से दिखाई दे रही है। स्माग के कारण लोगों की आंखों में जलन सामान्य बात हो गई है। बाजारों में आने वाले लगभग सभी लोगों को आंखों में जलन की समस्या से परेशान होना पड़ रहा है। वहीं स्माग के कारण बुजुर्गों, श्वास संबंधित रोगों तथा एलर्जी से पीड़ित लोगों की परेशानियां भी बढ़ गई है।
क्रशर जोन की बिजली आपूर्ति बंद
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के स्तर को ध्यान में रखते हुए सरकार के आदेश पर बिजली निगम ने दादरी जिले में स्थित क्रशर जोन में बिजली आपूर्ति बंद कर दी है। बिजली आपूर्ति बंद होने से जिले में स्थित सैंकड़ों की संख्या में क्रशरों पर भी काम बंद है।
ये हैं प्रदूषण के मुख्य कारण
विशेषज्ञों के अनुसार जिले में प्रदूषण का मुख्य कारण वाहनों तथा उद्योगों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्य, सड़कों से उड़ने वाली धूल, कचरे में आग इत्यादि हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जिले में कई सड़कें टूटी हुई है। वहां से वाहनों के गुजरने पर भी काफी मात्रा में धूल उड़ती है। यह धूल भी प्रदूषण बढ़ाने का कारण है।
बुजुर्गों को अधिक खतरा : डा. अरविंद
दादरी के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डा. अरविंद गर्ग ने बताया कि प्रदूषण का असर ह्रदय, फेफड़ों व शरीर के लगभग सभी अंगों पर पड़ता है। युवाओं के मुकाबले इम्युनिटी कम होने के कारण बुजुर्गों को बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ जाता है। उन्हें सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। डा. अरविंद का कहना है कि दमा रोगियों की परेशानियां भी बहुत अधिक बढ़ जाती है। शरीर में आक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। उनका कहना है कि इस मौसम में जब तक संभव हो तब तक घरों के अंदर ही रहें, धूम्रपान न करें। साथ ही रंग बिरंगे फल, हरी सब्जी व इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दूध में हल्दी डालकर सेवन करें। घर से बाहर निकलते समय फेस मास्क जरूर पहनें।
हाथों को बार-बार करें साफ : डा. वरूण
दादरी के नागरिक अस्पताल में कार्यरत नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. वरुण का कहना है कि प्रदूषण के कारण आंखों में जलन, एलर्जी, सूखापन, खुजली की समस्या हो सकती है। आंखों के बचाव के लिए खुले व धूल वाले क्षेत्र में जाने से बचें। आंखों को न छूएं। हाथों को बार-बार साफ करते रहें। यदि परेशानी अधिक है तो चिकित्सक से परामर्श लें।
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